भोपाल: मध्यप्रदेश में बीते 3-4 दिन से कड़कड़ाती ठंड और शीत लहर का दौर जारी है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में कोहरे की स्थिति बनी हुई है. इसका मुख्य कारण बीते एक सप्ताह से पहाड़ों में जारी बर्फबारी है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में और ठंड बढ़ेगी. पश्चिमी विक्षोभ के ला नीना के संपर्क में आते ही मध्यप्रदेश में भीषण ठंड पड़ेगी. हिल स्टेशन पचमढ़ी समेत कुछ स्थानों पर पर न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे माइनस में पहुंच सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ला नीना के कारण मध्यप्रदेश में ठंड का असर अधिक दिनों तक रहने की संभावना है.
रात में अभी और गिरेगा पारा
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में ला नीना का असर एक सप्ताह पहले शुरु हुआ था. जिसके कारण काश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है. उत्तर भारत से होकर ठंड हवाएं मध्यप्रदेश की ओर आ रही हैं. जिससे प्रदेश के विभिन्न जिलों में दिन और रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है. मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले 3 से 4 दिनों में दिन का तापमान तो बढ़ेगा, लेकिन रात के न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट होगी. कुछ जिलों में बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं.
खेती के लिए फायदेमंद होगा ला नीना
ला नीना का असर भले ही उत्तर भारत के हिमालयीन क्षेत्रों में देखने को मिलेगा, लेकिन इससे मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है. हालांकि ला नीना का असर पर्यावरण और खेती के लिए फायदेमंद होगा. मौसम वैज्ञानिक डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि, ''ला नीना के कारण उत्तर भारत में इस बार भीषण बर्फबारी हो सकती है. इससे उत्तरी हवाएं मौसम में ठंडक लेकर आएंगी. वैसे ठंड का असर 15 फरवरी तक रहता है, लेकिन इस बार ला नीना के सक्रिय होने से मार्च के शुरुआती हफ्ते में भी ठंड का असर बना रहेगा.'' शुक्ला ने कहा कि, ''मध्यप्रदेश में तेज ठंड जनवरी में करीब 20 दिन पड़ेगी. वहीं फरवरी में भी 15 दिन तेज ठंड पड़ने की संभावना है.''