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एमपी में मेट्रो ट्रेन में होगा सुरक्षित सफर, लेटेस्ट क्राइम कंट्रोल सिस्टम से अपराधियों की खैर नहीं - MP Metro Train Crime Control System

एमपी में भले ही अभी मेट्रो की शुरुआत नहीं हुई है लेकिन यात्रियों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए तैयारी पूरी है. मेट्रो ट्रेन में अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए ऐसी लेटेस्ट टेक्नालॉजी का इस्तेमाल होगा कि अपराधी के कैमरे के संपर्क में आते ही अलार्म बज उठेगा. देश में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल एमपी में मेट्रो परियोजना में किया जाएगा.

MP METRO TRAIN CRIME CONTROL SYSTEM
एमपी में मेट्रो ट्रेन में होगा सुरक्षित सफर

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 14, 2024, 9:20 PM IST

भोपाल। एमपी में मेट्रो की शुरुआत इसी साल होना है इसके लिए मेट्रो कार्पोरेशन लिमिटेड पूरी तैयारी में जुटा हुआ है. मेट्रो ट्रेन में अपराधियों पर लगाम लगाने की भी ऐसी तैयारी की जा रही है कि जिससे यात्रियों का सफर सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके. भोपाल और इंदौर मेट्रो ट्रेन में एक ऐसा सिस्टम लगाया जा रहा है कि यह एक एक यात्रियों के चेहरों की पहचान करने में सक्षम है. इस सिस्टम में अपराधियों का डाटा फीड होगा इसके संपर्क में आते ही अलार्म बजना शुरू हो जाएगा.

वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम करेगा पहचान

मेट्रो में यात्रियों के सुरक्षित और सुविधाजनक सफर के लिए वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम लगाया जाएगा. यह बिल्कुल मोबाइल के फेस डिटेक्टर की तरह यात्रियों के चेहरों की पहचान कर सकेगा. इससे मेट्रो ट्रेन में यात्रा के दौरान जहां अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगेगी वहीं गुमशुदा बच्चों और वांटेड अपराधियों की पहचान आसानी से हो जाएगी. देश में पहली बार इस तकनीकी का इस्तेमाल भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजना में किया जाएगा.

कैमरे के संपर्क में आते ही बज उठेगा अलार्म

मप्र मेट्रो कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि "मेट्रो ट्रेन के कोच में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इनमें कैप्चर होने वाले वीडियो से संदिग्ध व्यक्ति का चेहरा मिलान कर वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए उसकी पहचान की जाएगी. इसके लिए आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी. इसकी मदद से अपराधियों का डाटा तैयार किया जाएगा. जिसमें अपराधियों और गुमशुदा बच्चों के फोटो अपलोड किए जाएंगे. अपराधी जैसे ही कैमरे के संपर्क में आएगा अलार्म बजना शुरु हो जाएगा. इस सिस्टम को मेट्रो के सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा. लंबे समय तक वीडियो फुटेज संरक्षित रखे जा सकेंगे. खास बात यह होगी कि इस सिस्टम के तहत चश्मा पहने हुए व्यक्ति की पहचान करना भी आसान होगा".

35 साल में बचेंगे एक हजार करोड़ रुपये

भोपाल और इंदौर में चलने वाली मेट्रो ट्रेन ग्रेड फार ऑटोमेशन तकनीक से संचालित की जाएगीं. ये मेट्रो ट्रेन स्वाचालित होंगी, वहीं ट्रेन का संचालन थर्ड रेल तकनीक से किया जाएगा. यानि मेट्रो ट्रेन पटरी में प्रवाहित करंट से संचालित होगी. इसमें खास बात यह है कि ट्रेन रुकने के दौरान ब्रेक लगाने से जो ऊर्जा बेकार हो जाती थी अब उसका भी पुर्नउत्पादन हो पाएगा, यानि कि ट्रेन में लगने वाले ब्रेक्स से पैदा होने वाली ऊर्जा को वापस सिस्टम में भेज दिया जाएगा. इससे 40 से 45 फीसदी तक ऊर्जा की बचत होगी. इसके लिए रेलवे ट्रैक पर थर्ड रेल डीसी ट्रैक्सन सिस्टम लगाया जाएगा. अधिकारियों का दावा है कि स्वचालित तकनीक और ऊर्जा संरक्षण की मदद से मप्र मेट्रो को 35 साल में एक हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.

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सितंबर 2024 से होगा संचालन

भोपाल में 27 मेट्रो तथा इंदौर में 25 मेट्रो ट्रेन का निर्माण प्रस्तावित है. एक ट्रेन में 3 डिब्बे (कार) होगें. इस हिसाब से 27 ट्रेनों के लिए 81 डिब्बे होंगे. वहीं इंदौर में 25 ट्रेनों के लिए 75 डिब्बों (कार) का निर्माण प्रस्तावित है. मेट्रो कार की लंबाई 22 मीटर तथा चौड़ाई 2.9 मीटर होगी, जबकि संचालन सितंबर 2024 से शुरु होने की उम्मीद है.

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