भोपाल: एमपी में पिछले दो दशक से सत्ता में बीजेपी बनी हुई है. इसके बावजूद संगठन में सीधी दखल के लिए हुए मंडल अध्यक्ष चुनाव में पद को लेकर मारामारी हो रही है. यहां तक की मंडल अध्यक्ष के लिए तय की गई सीमा के क्राइटेरिया में आने के लिए कई जगह उम्र घटा कर बता दी गई है. संगठन चुनाव की समिति तक 100 से अधिक ऐसी शिकायतें पहुंच चुकी हैं. हालांकि जहां मंडल अध्यक्ष का नाम घोषित हो जाने के बाद चुनाव रद्द किए गए, उनका दावा है कि आधार कार्ड से लेकर मार्कशीट तक को प्रमाण के रूप में पेश किया गया था. कई जगह तो सुबह जिसे अध्यक्ष चुना गया शाम को उसका चुनाव निरस्त कर दिया गया.
सुबह अध्यक्ष बने शाम को चुनाव निरस्त
सिवनी जिले में उत्तर सिवनी मंडल में कुल 10 घंटे के लिए अध्यक्ष चुने गए अंशुल चौरसिया का चुनाव निरस्त हो चुका है. अंशुल बीस साल से बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. युवा मोर्चा से लेकर नगर की विभिन्न इकाईयों में वे कार्य कर चुके हैं. अंशुल नगर उपाध्यक्ष मंत्री भी रह चुके हैं. मंडल अध्यक्ष के लिए जो पार्टी की आयु सीमा है 35 से 45 वर्ष है, उस दायरे में भी वे आते हैं.
अंशुल चौरसिया कहते हैं "मैंने अपने आवेदन के साथ अपनी आयु के सभी प्रमाण जैसे आधार कार्ड, मार्कशीट, पैन कार्ड सब कुछ दिया था. चुन भी लिया गया. लेकिन सुबह चुनाव हुआ और शाम को चुनाव निरस्त कर दिया गया." अंशुल चौरसिया ने निरस्त हुए चुनाव को लेकर अब अपील समिति में शिकायत की है. अंशुल कहते हैं "वहां भी मैंने सारे आवेदन दिए हैं. अब देखिए क्या होता है. ये बात समझ से परे है कि चुनाव क्यों रद्द कर दिया गया. वजह नहीं बता पा रहे हैं."