भोपाल।मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में आम मतदाताओं ने ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों ने भी नोटा के जरिए अपनी नाराजगी जताई है. प्रदेश में एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने पोस्टल बैलेट से नोटा को वोट दिया है. चुनावी नतीजों के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसके आंकड़े जारी किए हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है"सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट में नोटा को वोट इंदौर में दिए गए."
इंदौर ने नोटा पर वोट देकर बनाया रिकॉर्ड
इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा को वोट का रिकॉर्ड बना है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपन राजन ने बताया "प्रदेश में कुल 5 लाख 33 हजार 705 मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया है. इसमें 1 हजार 38 वोट पोस्टल बैलेट से नोटा पर डाले गए." गौरतलब है कि चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट से वोट डालने की सुविधा दी जाती है. इससे जाहिर है कि कर्मचारियों ने भी नोटा पर वोट देकर उम्मीदवार को नापसंद किया है. इंदौर में सबसे ज्यादा 2 लाख 18 हजार 674 वोटा नोटा पर पड़े. इसमें पोस्टल बैलेट के जरिए भी 319 वोट नोटा पर डाले गए.
एमपी की इन संसदीय सीटों पर रिकॉर्ड नोटा
पोस्टल बैलेट के जरिए इंदौर के अलावा विदिशा में पोस्टल बैलेट से 62 वोट नोटा पर डाले गए. विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव लड़ा है और उन्होंने 8 लाख 21 हजार 408 वोटों से चुनाव जीता है. भिंड में पोस्टल बैलेट से 48 वोट नोटा पर डाले गए. इंदौर के बाद सबसे ज्यादा नोटा पर वोट रतलाम लोकसभा सीट पर डाले गए. यहां नोटा पर कुल 31 हजार 697 वोट डाले गए. बैतूल लोकसभा सीट पर कुल 20 हजार 309 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. खजुराहो लकसभा सीट पर 16 हजार 134 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. इनमें 23 वोट पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए. सबसे कम नोटा पर वोट सतना लोकसभा सीट पर डाले गए। यहां 2553 वोट नोटा पर डले.