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पूर्व सांसद के जेल से बाहर आने का इंतजार और बढ़ा, स्पेशल कोर्ट ने जमानत पर फैसला रखा सुरक्षित - KANKAR MUNJARE BAIL

जबलपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है.

MUNJARE BAIL COURT RESERVE DECISION
कंकर मुजारे की जमानत का फैसला कोर्ट ने रखा सुरक्षित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 16 hours ago

जबलपुर: बालाघाट के पूर्व कांग्रेस सांसद कंकर मुंजारे, धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी से मारपीट के आरोप में जेल में बंद हैं. उन्होंने जमानत के लिए जबलपुर में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में आवेदन दिया था. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट विश्वेश्वरी मिश्रा ने आवेदन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. यानी मुंजारे को जमानत के लिए अभी और इंतजार करने पड़ेगा. बता दें कि जमानत के लिए ये मुंजारे का दूसरा आवेदन था.

बालाघाट धान खरीदी केंद्र पर मारपीट का आरोप

दरअसल, कंकर मुंजारे की पत्नी अनुभा मुंजारे बालाघाट से कांग्रेस विधायक हैं. वे क्षेत्र के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर निरीक्षण करने पहुंची थीं. बीते 27 दिसंबर को बालाघाट के लालबर्रा तहसील के धान खरीदी केंद्र धपेरा मोहगांव में खरीदी में अनियमितता की शिकायत मिली थी. जहां पर उनके पति और पूर्व सांसद कंकर मुंजारे निरीक्षण करने पहुंचे थे. आरोप है कि इसी दौरान कंकर मुंजारे द्वारा केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर से मारपीट की गई और खरीदी कार्य में व्यवधान डाला गया.

विशेष कोर्ट ने भेज दिया था जेल

घटना के संबंध में धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कर्मचारियों ने लालबर्रा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने पूर्व सांसद सहित 4 अन्य साथियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की और 30 दिसंबर को जबलपुर स्थित एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में पेश किया था. जहां विशेष कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को खारिज करते हुए जेल भेज दिया था.

जमानत पर विशेष कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) अजय जैन ने बताया, " पूर्व सांसद की ओर से जमानत के लिए दूसरी बार आवेदन दिया गया था. जिसमें कहा गया था कि धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर शासकीय कर्मचारी नहीं है. उन्हें सिर्फ धान खरीदी के लिए अस्थाई रूप से रखा गया था. इसलिए उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का अपराध नहीं बनता है."

डीपीओ की ओर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा गया, " शासकीय कार्य के लिए कर्मचारी को नियुक्त किया गया है. न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं."

जबलपुर: बालाघाट के पूर्व कांग्रेस सांसद कंकर मुंजारे, धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी से मारपीट के आरोप में जेल में बंद हैं. उन्होंने जमानत के लिए जबलपुर में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में आवेदन दिया था. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट विश्वेश्वरी मिश्रा ने आवेदन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. यानी मुंजारे को जमानत के लिए अभी और इंतजार करने पड़ेगा. बता दें कि जमानत के लिए ये मुंजारे का दूसरा आवेदन था.

बालाघाट धान खरीदी केंद्र पर मारपीट का आरोप

दरअसल, कंकर मुंजारे की पत्नी अनुभा मुंजारे बालाघाट से कांग्रेस विधायक हैं. वे क्षेत्र के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर निरीक्षण करने पहुंची थीं. बीते 27 दिसंबर को बालाघाट के लालबर्रा तहसील के धान खरीदी केंद्र धपेरा मोहगांव में खरीदी में अनियमितता की शिकायत मिली थी. जहां पर उनके पति और पूर्व सांसद कंकर मुंजारे निरीक्षण करने पहुंचे थे. आरोप है कि इसी दौरान कंकर मुंजारे द्वारा केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर से मारपीट की गई और खरीदी कार्य में व्यवधान डाला गया.

विशेष कोर्ट ने भेज दिया था जेल

घटना के संबंध में धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कर्मचारियों ने लालबर्रा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने पूर्व सांसद सहित 4 अन्य साथियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की और 30 दिसंबर को जबलपुर स्थित एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में पेश किया था. जहां विशेष कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को खारिज करते हुए जेल भेज दिया था.

जमानत पर विशेष कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) अजय जैन ने बताया, " पूर्व सांसद की ओर से जमानत के लिए दूसरी बार आवेदन दिया गया था. जिसमें कहा गया था कि धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर शासकीय कर्मचारी नहीं है. उन्हें सिर्फ धान खरीदी के लिए अस्थाई रूप से रखा गया था. इसलिए उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का अपराध नहीं बनता है."

डीपीओ की ओर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा गया, " शासकीय कार्य के लिए कर्मचारी को नियुक्त किया गया है. न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं."

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