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जमीन से 100 फीट नीचे बहेगी नदी, मध्य प्रदेश 12 किमी टनल से नई नदी निकाल शिप्रा को रखेगा जिंदा - MP NADI MODO PROJECT

उज्जैन की शिप्रा नदी की स्वच्छता के लिए सरकार नदी मोड़ो प्रोजेक्ट लेकर आई है.जिसमें 100 फीट नीचे लंबी टनल बनाकर कान्ह को डायवर्ट करेंगे.

MP NADI MODO PROJECT
धरती से 100 फीट नीचे बहेगी ये नदी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 3, 2025, 6:24 PM IST

Updated : Feb 4, 2025, 8:58 AM IST

इंदौर: मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ का आयोजन किया जाएगा. सिंहस्थ की तैयारियों में मध्य प्रदेश सरकार पहले ही जुट गई है. लिहाजा सिंहस्थ से पहले मोक्षदायिनी शिप्रा नदी को स्वच्छ रखने की परियोजना शुरू हो गई है. शिप्रा नदी के जल को साफ करने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई है. लिहाजा प्रयागराज महाकुंभ के बाद आगामी उज्जैन सिंहस्थ के लिए दो नदियों का अनूठा संगम होने जा रहा है. इस परियोजना के जरिए जमीन के अंदर टनल बनाकर कान्ह नदी के रूट को डायवर्ट किया जाएगा. जिससे कान्ह नदी के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोका जाएगा.

उज्जैन में नदी मोड़ो प्रोजेक्ट परियोजना पर काम

उज्जैन के पवित्र तीर्थ क्षेत्र में यह पहला मौका है, जब देश में नदी जोड़ो परियोजना के चलते उज्जैन में शिप्रा और कान्हा नदी के बीच 'नदी मोड़ो प्रोजेक्ट'साकार होने जा रहा है. जहां एक नदी को दूसरी नदी से मिलने से रोक जाएगा. इस प्रोजेक्ट में शिप्रा नदी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कान्ह नदी को जमीन से 100 फीट नीचे 12 किलोमीटर लंबी सुरंग के जरिए डायवर्ट किया जाएगा.

जल संसाधन विभाग द्वारा जारी किया गया वीडियो (ETV Bharat)

परियोजना में कान्ह नदी होगी डायवर्ट

दरअसल, 2028 में आयोजित होने वाले उज्जैन सिंहस्थ के लिए अभी से प्रदेश भर में व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी है. सबसे पहली प्राथमिकता उज्जैन की शिप्रा नदी को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखना है. इसके लिए राज्य सरकार ने इंदौर से होकर उज्जैन की शिप्रा नदी में मिलने वाली कान्ह नदी को डाइवर्ट करने के लिए 919 करोड़ की 'क्लोज डक्ट योजना'तैयार की है.

डायवर्सन के लिए बनाई जाएगी 12 किमी लंबी टनल

जिसके जरिए कान्हा नदी को 30 किलोमीटर के क्षेत्र में डायवर्ट किया जाएगा. जिस पर काम चल रहा है. इसके लिए 12 किलोमीटर लंबी एक टनल बनाई जा रही है. जबकि 18 किमी लंबी कट एंड कवर ( इसका मतलब जमीन में नहर बनाकर उसे सीमेंट कंक्रीट से ढका जाएगा.) बनाई जा रही है. कुछ जगह पर यह 26 मीटर गहरी है. बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट पर 6 महीने में 15 प्रतिशत काम हो चुका है.

ऐसे बनाया जाएगा जमीन के अंदर टनल (ETV Bharat)

ऐसी होगी नदी की टनल

कान्ह नदी को डाइवर्ट करने के लिए जो टनल तैयार की जा रही है. वह जमीन से नीचे करीब 100 फीट गहरी होगी. इस टनल के जरिए इंदौर से उज्जैन पहुंचने वाली दूषित कान्ह नदी के जल को शिप्रा नदी में मिलने के पहले ही उज्जैन स्थित गंभीर नदी तक बाईपास कर दिया जाएगा. टनल के सॉफ्ट 4.50 मीटर में डी आकर के बॉक्स जैसे होंगे, जो लंबाई-चौड़ाई में बराबर होंगे. इस सॉफ्ट में स्वच्छता या सफाई के लिए पूरी मशीन के साथ पानी में उतरा जा सकेगा.

नदी को डायवर्ट करने बनेगा टनल (ETV Bharat)

तेलंगाना की दो कंपनियां कर रही हैं काम

प्रोजेक्ट को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंहबताते हैं कि "इस प्रोजेक्ट के लिए इंदौर के जमालपुर गांव से कान्हा नदी के डायवर्सन के लिए तेलंगाना की मेसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन द्वारा काम शुरू किया गया है. इसके अलावा तेलंगाना की ही रिवरवोल्ट हाइड्रो एलएलपी संयुक्त रूप से इस प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए पहुंची है.

करीब 30 किलोमीटर लंबी यह डायवर्सन योजना 12 से ज्यादा गांव से होकर गुजरेगी. जिसमें दूषित जल को भूमिगत टनल के माध्यम से गंभीर डैम की तलहटी में छोड़ा जाएगा. जिससे कि आगामी 42 महीने में कार्य पूर्ण होने के बाद शिप्रा नदी को स्थाई रूप से दूषित होने से बचाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि करीब 400 लोगों की टीम 2 शिफ्ट में काम कर रही है."

लोगों को मिलेगा पीने और कृषि के लिए स्वच्छ जल

बताया जा रहा है इस परियोजना के पूरे होने के बाद सिंहस्थ 2028 में लोगों को स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलेगा. इसके अलावा लोगों की प्यास बुझाने के साथ ही कृषि के उपयोग में भी यह जल आएगा. बता दें नदी को स्वच्छ बनाने और प्रवाहमान बनाने के लिए यह देश की पहली योजना है.

Last Updated : Feb 4, 2025, 8:58 AM IST

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