मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP हाईकोर्ट ने नहीं दी नाबालिग को गर्भपात कराने की अनुमति, जीजा है दुष्कर्म का आरोपी - MP High Court abortion permission

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी. कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि आरोपी लड़की का जीजा है. इसलिए बाद में पीड़ित परिजन बयान से पलट सकते हैं.

MP High Court abortion permission
एमपी हाईकोर्ट ने नहीं दी नाबालिग को गर्भपात कराने की अनुमति (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 7, 2024, 4:54 PM IST

जबलपुर।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से नाबालिग लड़की का गर्भपात करवाने की अनुमति परिजनों ने मांगी. गर्भावस्था के लिए लड़की का जीजा ही जिम्मेदार है. कोर्ट का मानना है कि यदि अनुमति दे दी जाती है तो आरोपी के प्रति परिजनों का रुझान बदल जाएगा. परिवार के लोग ट्रायल कोर्ट में बयान देने से मुकर जाएंगे.

गुम हुई लड़की जीजा के पास मिली

मध्यप्रदेश के चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी नाबालिग लड़की का पता नहीं लग रहा है. गुमशुदगी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. लड़की अपने ही जीजा के पास मिली. लेकिन जब लड़की की बरामद की गई, तब तक वह गर्भवती हो गई थी. थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर लड़की को भगाकर ले जाने वाले जीजा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.

नाबालिग गर्भवती मिली तो परिजनों के होश उड़े

नाबालिग लड़की के गर्भवती हो जाने की वजह से उसकी मां ने उसका गर्भपात करवाने की अनुमति कोर्ट से मांगी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की कोर्ट में जब यह मामला आया तो लड़की की मां ने शपथ पत्र भी दिया. इसमें लिखा "नाबालिग लड़की के भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए और वह ट्रायल में अपने बयानों से नहीं मुकरेगी. आरोपी को सजा दिलाएगी." लेकिन हाई कोर्ट के जज जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने लड़की की मां के आवेदक को अस्वीकार करते हुए गर्भपात की अनुमति नहीं दी.

ये खबरें भी पढ़ें...

जीजा की दरिंदगी से नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता हो गई थी गर्भवती, कोर्ट ने दी गर्भपात कराने की इजाजत

एमपी हाईकोर्ट ने दी नाबालिग के 28 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्शन करवाने की अनुमति

इस मामले में आरोपी जीजा को सजा तय है

हाईकोर्ट का कहना है "ऐसे मामले में अक्सर कोर्ट से केवल गर्भपात की अनुमति ली जाती है और बाद में आरोपी को बचाने के लिए बयान बदल दिए जाते हैं. इसलिए कोर्ट गर्भपात की अनुमति नहीं देगा." अब कोर्ट केस फैसले के बाद जो स्थिति बनेगी, उसमें लड़की को ना चाहते हुए भी उस बच्चे को जन्म देना पड़ेगा. बता दें कि इस मामले में नाबालिग को अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में लड़की के जीजा को सजा होना तय है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details