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एमपी में कुपोषित बच्चों पर खर्च होता है 8 रुपया तो गोवंश पर 40, सामने आये चौंकाने वाले आंकड़े - MP GOVT SPENDING MORE ON CATTLES

राज्य में गोवंश के लिए मिलने वाली पोषण आहार की राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा भी बच्चों के पोषण आहार पर खर्च नहीं होता.

MP GOVT SPENDING MORE ON CATTLES than malnutrition
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार नैनिहालों से ज्यादा गोवंश को तंदुरुस्त बनाने पर राशि खर्च कर रही है. राज्य में गोवंश के लिए मिलने वाली पोषण आहार की राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा भी बच्चों के पोषण आहार पर खर्च नहीं होता. इसका खुलासा बुधवार को भाजपा के ही एक विधायक द्वारा पूछे गए सवाल पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने दिया. इस जबाव के आने के बाद कांग्रेस ने भी सदन में सत्तापक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

यह राशि डोसा-पिज्जा खाने के लिए नहीं

विधानसभा में बताया गया कि मध्यप्रदेश में बच्चों को कुपोषण से लड़ने के लिए प्रति बच्चे के पोषण आहार पर 8 रु खर्च होते हैं. वहीं गौशाला संचालकों को प्रति गाय के हिसाब से पोषण आहार के लिए 40 रु की राशि दी जाती है. इस पर जब विपक्ष ने सवाल उठाए तो भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने सरकार का बचाव करते हुए कहा, '' बच्चों को पोषण आहार के लिए दी जा रही राशि पर्याप्त है. यदि किसी को डोसा-पिज्जा खाना हो तो यह अलग है, अन्यथा इस राशि से बच्चों का बेहतर पोषण हो सकता है.''

कैग रिपोर्ट में खुलासा, 110 करोड़ का घोटाला

सरकार ने बुधवार को बिजली कंपनियों, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की 2018 से 2022 के बीच की कैग रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखी. इसमें बताया गया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने शाला त्यागी बालिकाओं का जमीनी सर्वे नहीं किया. प्रदेश में 5.08 लाख फर्जी हितग्राहियों को पोषण आहार बांट दिया. कैग ने अपनी रिपोर्ट में इस घोटाले की राशि 110 करोड़ रु बताई है.

खंडवा विधायक ने किया था सवाल

दरअसल, आंगनबाड़ी में मिल रहे पोषण आहार को लेकर खंडवा से भाजपा विधायक कंचन तनवे ने ही सवाल किया था. उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण से लड़ने के लिए जो राशि मिल रही है वह बहुत कम है. इसे बढ़ाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वो विभाग के मंत्री और अधिकारियों से बात करेंगी.

80 लाख हितग्राहियों को मिल रहा पोषण आहार

बता दें कि मध्यप्रदेश में बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार की 50 प्रतिशत राशि केंद्र, जबकि 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती है. आंगनबाड़ियों में बच्चों को सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना दिया जाता है. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार दिया जाता है. वर्तमान में प्रदेश में 84,465 आंगनबाड़ियां संचालित हो रही हैं. जबकि 12,670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है. इनमें 80 लाख हितग्राहियों को पोषण आहार दिया जा रहा है.

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