भोपाल: मध्य प्रदेश में खाद की कमी और अमानक खाद जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस गांव खेत यात्रा निकलेगी. इसी यात्रा के तहत कांग्रेस नेता खेतों तक पहुंचेंगे और किसानों से बातचीत करके सोशल मीडिया के जरिए केंद्रीय कृषि मंत्री तक किसानों की बात को पहुंचाया जाएगा. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार से प्रदेश में खाद की उपलब्धता को लेकर 8 सवाल पूछे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में खाद की जितनी जरूरत है, उससे कम डिमांड सरकार द्वारा की गई. प्रदेश की कृषि विभागों में खुले आम भ्रष्टाचार चल रहा है. थानों की तरह प्रदेश की मंडियां बटी हुई है. प्रदेश में नकली और गुणवत्ता विहीन खाद का वितरण किया जा रहा है.
प्रदेश में खाद जरूरत से आधी खाद ही उपलब्ध
कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पत्रकारों से रूबरू हुए. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंहने कहा कि 'देश में करीब 100 लाख टन डीएपी की जरूरत है, जबकि देश में चार लाख टन प्रति माह का उत्पादन होता है. मध्य प्रदेश में डीएपी की 9 लाख तन से ज्यादा की जरूरत है, लेकिन अभी तक सिर्फ 4.5 टन ही डीएपी आया है. बाकी करीब 5 से 6 लाख टन की कमी है. प्रदेश के किसानों को सरकार डीएपी के स्थान पर एनपीके डालने को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले एनपी भी एक लाख टन मध्य प्रदेश में उपलब्ध है.
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में गुणवत्ताहीन और नकली खाद का विक्रय हो रहा है. पिछले दिनों राजगढ़ में ऐसी ही कार्रवाई हुई है, लेकिन विभाग सीधे कंपनी पर कार्रवाई करने से बच रही है. दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में खाद को लेकर सरकार से 8 सवाल पूछे हैं. उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश में डीएपी की उपलब्धता को लेकर सरकार की क्या योजना है? सरकार अन्य उर्वरकों से एनपीके के तत्वों की पूर्ति करना चाहती है. इसके संबंध में सरकार की क्या कार्य योजना है? क्या सरकार अन्य उर्वरकों से पूर्ति के लिए किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है? उन्होंने मांग की है कि अमानक और नकली खाद की बिक्री रोकने के लिए सर्वदलीय समिति बनाकर खाद के 10-10 सैंपल लेकर उनकी जांच कराई जाए.