भोपाल:मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के शिक्षा विभाग की कुंडली तैयार कराने में जुटी है. इसके तहत स्कूल शिक्षा विभाग पूरे विभाग का नए सिरे से वैरीफिकेशन कराने जा रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत चार चरणों में पूरे सत्यापन की प्रक्रिया की जाएगी. इसमें सभी सवा 2 लाख टीचर्स के अलावा सभी अधिकारी कर्मचारियों से उनकी पूरी जानकारी और संबंधित दस्तावेज मांगे जाएंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 1 लाख 25 हजार 582 स्कूल हैं, इसमें से 94039 सरकारी स्कूल हैं.
सभी स्कूलों का होगा सत्यापन
स्कूल शिक्षा विभाग सबसे पहले सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का वैरीफिकेशन कराएगा. इसमें सभी सरकारी स्कूलों का सेटअप का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. इसमें देखा जाएगा कि स्कूल में कितने पद स्वीकृत हैं और कितने टीचर्स अभी मौजूद हैं. इसके अलावा स्कूलों में बच्चों की संख्या कितनी दर्ज है. इसके अलावा प्राइवेट स्कूल कौन-कौन से संचालित है और उनमें छात्रों की संख्या कितनी है.
उधर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यालयों का भी वैरीफिकेशन कराया जाएगा. इसमें सभी जिलों, ब्लॉक और संभाग तक के कार्यालयों में पदस्थ मौजूदा स्टॉफ और स्वीकृत पदों की संख्या की जानकारी तैयार की जाएगी. इसके अलावा मौजूदा स्टॉफ का नए सिरे से वैरीफिकेशन किया जाएगा.
सभी टीचर्स और कर्मचारियों को देना होंगे दस्तावेज
स्कूलों में पदस्थ टीचर्स से लेकर पूरे स्टॉफ से जानकारी ली जाएगी. इसके लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य तक को एक प्रोफार्मा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें उनकी व्यक्तिगत जानकारी से लेकर पहली पदस्थापना और मौजूदा पोस्टिंग के स्थान तक की पूरी जानकारी देना होगी. इसमें यदि किसी टीचर्स के विषय में परिवर्तन हुआ है तो उन्हें नए संवर्ग का नियुक्ति आदेश, पुराने अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति का मूल आदेश और मार्कशीट भी देनी होगी. इसके अलावा प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विभाग में पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी होगी.
दिव्यांग कर्मचारी को देना होगा नया सर्टिफिकेट
यदि किसी टीचर या कर्मचारी ने दिव्यांगता के आधार पर सरकारी नौकरी पाई है तो ऐसे कर्मचारी को मेडिकल बोर्ड से फिर से नया दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाकर विभाग में प्रस्तुत करना होगा. लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक केके द्विवेदी के मुताबिक "विभाग के पोर्टल पर तमाम जानकारी उपलब्ध हो सकें, इसके लिए यह कार्रवाई की जा रही है. तमाम जानकारियां शत-प्रतिशत आ सकें, इसके लिए सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है."