भोपाल। प्रदेश में खुले बोरवेल में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विधानसभा में मध्य प्रदेश खोले नलकूप में इंसानों की गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक को पास कर दिया गया है. अब नलकूप खनन के पहले अनुमति लेनी होगी. इसके लिए जल्द ही एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. नलकूप को खुला छोड़ने पर ₹10000 और ₹25000 का जुर्माना भरना होगा. दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर संबंधित भूमि स्वामी और ड्रिल करने वाली कंपनी से बचाओ रात में होने वाले खर्च की राशि वसूला जाएगा.
ड्रिलिंग अभिकरण का गठन
राज्य सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक में प्रावधान किया गया है कि नलकूप खनन में होने वाली घटना के लिए ड्रिलिंग अभिकरण का गठन किया जाएगा. नलकूप खनन के पहले इस अभिकरण से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. जिसमें नलकूप खनन के स्थान पर खनन करने वाली कंपनी का नाम और भूमि स्वामी के बारे में पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा. अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि निष्क्रिय नलकूप और और वोरबेल को आगामी 3 माह के अंदर भूमि स्वामी को बंद करना होगा. जिले के सक्षम अधिकारी को नलकूप के क्षेत्र का निरीक्षण करने और दुर्घटना रोकने के उपाय करने के अधिकार होंगे.
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