देहरादून: उत्तराखंड में बिजली की बढ़ती डिमांड के चलते राज्य में बिजली कटौती की नौबत आ गयी है.स्थिति ये है कि केंद्र से बिजली को लेकर मदद मिलने के बाद भी आपूर्ति का संकट बना हुआ है. ऐसे में इन्वेस्टर समिट के दौरान ऊर्जा सेक्टर में किए गए अनुबंध को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. खास बात यह है कि अब तक ऊर्जा सेक्टर में किए गए 1 लाख करोड़ के MOU में से 28 हजार करोड़ के MOU धरातल पर उतरे जा चुके हैं. ऊर्जा विभाग इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि मानकर चल रहा है. बाकी अनुबंध पर भी जल्द से जल्द काम करने की बात कही जा रही है.
ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार ऊर्जा सेक्टर में जिन प्रोजेक्ट्स को अलॉट किया गया है, उनमें हाइड्रो प्रोजेक्ट और सोलर प्रोजेक्ट के एमओयू शामिल हैं. ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार आने वाले 5 सालों में प्रदेश में ऊर्जा संकट को लेकर जो स्थिति दिखाई दे रही है उसे दूर किये जाने के प्रयास किया जा रहा है.
इन्वेस्टर समिति में कुल 354000 के अनुबंध विभिन्न सेक्टर में किए गए थे. इसमें सबसे ज्यादा MOU ऊर्जा सेक्टर में ही हुए थे. बताया जा रहा है कि अब तक कुल अनुबंध में 75 हज़ार करोड़ रुपए के अनुबंध को धरातल पर उतारा जा चुका है. इस मामले में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी अधिकारियों की बैठक ली है. अब तक धरातल पर उतारे गए MOU की समीक्षा की गई है.
इस वक्त ऊर्जा सेक्टर में सबसे ज्यादा बदलाव की जरूरत है, शायद इसीलिए ऊर्जा सेक्टर को विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है. राज्य सरकार भी अब केवल हाइड्रो प्रोजेक्ट्स पर ही फोकस नहीं कर रही है बल्कि ऊर्जा के उत्पादन से जुड़े दूसरे प्रोजेक्ट को भी तवज्जो दी जा रही है. खासतौर पर सोलर सेक्टर में नई योजनाएं निकालकर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य में सोलर सेक्टर के लिए कई रियायत भी दी जा रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सोलर सेक्टर में आगे आए.
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