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सड़क हादसे में मृत लोगों के आश्रितों के पक्ष में ब्याज सहित 3 करोड़ का क्षतिपूर्ति के आदेश - MACT Court - MACT COURT

Motor Accident Claims Tribunal : मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने इंश्योरेंस कंपनी के तर्कों को खारिज करते हुए दुर्घटना में मृत तीन लोगों के परिजनों को ब्याज सहित 3 करोड़ रुपए का क्षतिपूर्ति आदेश जारी किया है.

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (ETV Bharat Chittorgarh)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 17, 2024, 10:26 PM IST

चित्तौड़गढ़ :मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने दुर्घटना में मृत तीन लोगों के परिजनों के पक्ष में चित्तौड़गढ़ का अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड पारित किया. अधिकरण ने रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी के तर्कों को खारिज करते हुए ब्याज सहित करीब 3 करोड़ रुपए का क्षतिपूर्ति आदेश जारी किया. साथ ही दावा पेश करने से लेकर उक्त राशि की वसूली तक 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अवार्ड राशि देने को कहा गया.

हादसे में 3 की हुई थी मौत :अधिवक्ता जसवंत सिंह राठौड़ ने बताया कि 1 दिसम्बर 2019 को मध्य प्रदेश के सुवासरा क्षेत्र में रिश्तेदारी में विवाह समारोह में शामिल होने के लिए मीठारामजी का खेड़ा, पीएनटी कॉलोनी चित्तौड़गढ़ निवासी गणपतलाल मीणा, गजेन्द्र मीणा और चम्पा बाई आदि कार से गए थे. वहां से कार्यक्रम में शामिल होने के बाद तीनों ही परिवार सहित चित्तौड़गढ़ लौट रहे थे. इस दौरान सुवासरा-धामनिया मार्ग पर धामनिया फंटे के पास तेज गति से आते ट्रक ने कार को चपेट में ले लिया. इस दुर्घटना में गणपतलाल, गजेन्द्र मीणा और चंपा बाई की मौके पर ही मौत हो गई.

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पुलिस की ओर से मामले में ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से दुर्घटना करने का मामला दर्ज करते हुए चालान पेश किया. इस मामले में गणपत की पत्नी बरखा रानी और उसकी दो पुत्रियों, गजेन्द्र मीणा की पत्नी संतोष ने अपने दो पुत्रों और सास और चम्पा बाई के पुत्र मधुवन कॉलोनी के शंकरलाल मीणा, पुत्री दुर्गा की ओर से अधिवक्ता जसवंतसिंह राठौड़, प्रेमसिंह पंवार, नेपालसिंह झाला, जोरावर सिंह चौहान, रमेश जोगी के मार्फत मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया गया.

इंश्योरेंस कंपनी के तर्कों को किया खारिज : वरिष्ठ अधिवक्ता राठौड़ के अनुसार सुनवाई के दौरान इंश्योरेंस कंपनी की ओेर से बताया गया कि उक्त दुर्घटना कार चालक गजेन्द्र मीणा की गफलत लापरवाही से घटित हुई. सुबह का वक्त था ऐसे में गजेन्द्र को झपकी आ गई और ट्रक से जा टकराया. पीठासीन अधिकारी अरूण जैन ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इंश्योरेंस कंपनी के तमाम तर्कों को खारिज करते हुए मृतक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का हकदार माना और तीनों ही मृतकों के परिजनों के पक्ष मेंं अवार्ड जारी किया.

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न्यायालय की ओर से बरखा रानी और उसके परिजनों के पक्ष में 1 करोड़ 30 लाख 36 हजार 50 रुपए, संतोष मीणा के परिजनों के पक्ष में 1 करोड़ 1 लाख 75 हजार 248 रुपए और चम्पा बाई के पुत्र व पुत्री को 3 लाख 44 हजार रुपए बतौर क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी माना. साथ ही उक्त राशि पर दावा प्रस्तुति से अवार्ड राशि दिए जाने तक इंश्योरेंस कंपनी को 6 प्रतिशत ब्याज भी चुकाने को कहा. अब तक ब्याज राशि करीब 63 लाख 60 हजार रुपए बन रही है. इस प्रकार बीमा कंपनी को ब्याज सहित करीब 3 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा. अधिवक्ता जसवंतसिंह राठौड़ ने दावा किया कि चित्तौड़गढ़ का अब तक का यह सबसे बड़ा अवार्ड है, जिसमें अवार्ड ही करीब 2 करोड़ 35 लाख रुपए का पारित किया गया.

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