नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा 15 फरवरी को दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया. सदन में मंत्री गोपाल राय ने यह प्रस्ताव पेश किया जिस पर करीब 1 घंटे की चर्चा हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपनी बात रखी और अंत में ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पास हो गया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चर्चा के अंत में अपना वक्तव्य रखा. जिसमें उन्होंने दिल्ली और पंजाब मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि जब दोनों ही राज्य में लोगों को मुफ्त बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली दी जा सकती है तो यह पूरे देश में भी संभव है. उन्होंने इन तीन क्षेत्रों में कुल 11.50 लाख करोड़ रुपये से मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और फ्री बिजली देने का प्लान बताया.
मनीष सिसोदिया को सैल्यूट देकर किया यादःधन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अंत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आज छोटे भाई मनीष सिसोदिया को इस सदन में याद करना चाहूंगा. देश के लिए उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है. केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया के जेल में होने का हम दुख नहीं मनाएंगे. हमें उन पर गर्व है. 75 साल में जो सरकार कुछ नहीं कर पाई शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने वह काम किया. अरविंद केजरीवाल ने कहा, "उन्होंने (मनीष सिसोदिया) वो किया जो कोई सरकार नहीं कर सकी. इतिहास गवाह है कि जब-जब ऐसे लोग आकर सिस्टम को चुनौती देते हैं, उनके साथ ऐसा अन्याय होता है."
अभिभाषण के दौरान बीजेपी विधायकों के व्यवहार की कि निंदाःकेजरीवाल बोले उपराज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में मर्यादा बनाए रखना जरूरी है. आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ. इस बार और पिछली बार ऐसा हुआ था कि अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने काफी नारेबाजी की और विघ्न डाला. ये राजनीति में अच्छी बात नहीं है. इसकी वे इसकी निंदा करते हैं. उम्मीद करता हूं कि जो विपक्ष के साथी हैं, भविष्य के अंदर ऐसी हरकत नहीं करेंगे.
दिल्ली व पंजाब मॉडल से देश भर में मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली देने का प्लानःअपने संबोधन में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली व पंजाब मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि 75 सालों में इन दोनों राज्यों में कोई भी सरकार वह नहीं कर पाई जो चंद वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार कर रही है. जब दिल्ली और पंजाब में ये हो सकता है तो देश भर में शिक्षा, स्वास्थ्य और 200 यूनिट बिजली सभी देशवासियों को दी जा सकती है.
5 लाख करोड़ खर्च कर 10 लाख सरकारी स्कूल हो सकते हैं ठीकःदेश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 17 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं. 5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सभी स्कूलों को शानदार बनाया जा सकता है. 5 लाख करोड़ केंद्र सरकार के लिए कुछ नहीं है. एक-एक लाख करोड़ भी खर्च करें तो 5 साल में सभी सरकारी स्कूल शानदार बन सकते हैं. बेहतर शिक्षा व व्यवस्था कर इस देश से गरीबी दूर की जा सकती है, यह रामबाण तरीका है.