मुरैना। अंग्रेजों के जमाने के 100 साल पुराने नैरोगेज ट्रेन पुल को गैस कटर से काटते समय अचानक उसकी छत भर-भराकर गिर पड़ी. इस हादसे में ठेकेदार सहित 6 मजदूर मलबे के नीचे दब गए. पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मलबे के नीचे दबे मजदूरों को बाहर निकालकर तुरंत जौरा से जिला अस्पताल भेज दिया. यहां से एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया है. घटना जौरा थाना क्षेत्र स्थित सोन नदी पर बने सिकरौदा पुल की है. जौरा पुलिस मामले की जांच कर रही है.
सिंधिया रियासत के जमाने का है पुल
मुरैना जिले के जौरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिकरौदा गांव के पास सिंधिया रियासत के जमाने का सोन नदी पर बना हुआ रेलवे का पुल धराशाई हो गया. यह पुल करीब 100 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था. हाल ही में नैरोगेज रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया गया है इसलिए नई रेलवे लाइन के साथ-साथ नए पुल भी बनाये गए हैं इस पुराने पुल की उपयोगिता खत्म होने से रेलवे विभाग ने इसे तुड़वाने का ठेका दिया हुआ है.
रेलवे पुल तोड़ते समय हुआ हादसा
ठेकेदार इकबाल खान मंगलवार की सुबह अपने साथ मजदूरों को लेकर रेलवे पुल को तोड़ने के लिए पहुंचा था. ठेकेदार के द्वारा रेलवे से ठेका लेकर इसे हटाया जा रहा था. इस पुल पर करीब 10 मजदूर काम कर रहे थे. एक साइड से पुल को मजदूरों के द्वारा काट कर हटा रहे थे इतने में ही पुल धसक गया. जिसके कारण ठेकेदार सहित करीब आधा दर्जन मजदूर घायल हो गए. हादसे की खबर लगते ही ग्रामीण मौके पर पहुंच गए.
मलबे के नीचे दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला
हादसे की सूचना ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को दी. पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मलबे के नीचे दबे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेज दिया. यहां से एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया है.