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आढ़तियों के 'चक्रव्यूह' में फंसे हिमाचल के बागवान, सेब उत्पादकों के 25.80 करोड़ रुपये फंसे - apple growers payment stuck

apple growers payment stuck: सरकार ने बागवानों की उपज के मूल्य की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकीय उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2005 लागू किया है, जिसकी धारा 43-73 में बकाया राशि की वसूली के प्रावधान किए हैं.इसके बाद भी वर्तमान समय में 600 किसानों-बागवानों के 25.80 करोड़ से अधिक रूपये आढ़तियों के पास लम्बित हैं.

फाइल फोटो
फाइल फोटो (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 22, 2024, 7:34 PM IST

शिमला:सेब राज्य हिमाचल के बागवान आढ़तियों के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं. सेब सीजन के दौरान मंडियों में कई बार करोड़ों का सेब उधार में बिक जाता है. आढ़ती बागवानों को सेब खरीद के दौरान कुछ पैसों की अदायगी कर देते हैं, लेकिन उसके बाद लंबे समय तक बकाया राशि नहीं मिलती है. इसके चलते सेब बागवानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बीजेपी विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने सरकार से सवाल पूछा था कि, 'प्रदेश की सभी मंडियों में बागवानों को सेब बेचने पर धन न मिलने से होने वाली परेशानियों के मद्देनज़र आढ़तियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है. कितने बागवानों का पैसा आढ़तियों के पास लम्बित है. यह सत्य है कि बागवानों के पैसे की वसूली हेतु पुलिस विभाग ने एक विशेष जांच दल बनाया था? अगर इस तरह का कोई विशेष दल बनाया गया था तो क्या यह वर्तमान में भी कार्यरत है. क्या बागवानों के पैसों की वसूली के लिए सरकार ने कोई कठोर कानून बनाए है? पैसा वसूली के लिए अगर सरकार ने कानून बनाएं तो इसका ब्यौरा दें.'

जवाब में सरकार ने कहा था कि, 'बागवानों को सेब की मार्केटिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न स्थानों पर कृषि उपज मण्डी समितियों के माध्यम से मण्डियों का निर्माण किया गया है. सेब बिकने के बाद पैसा न मिलने पर होने वाली परेशानियों के मद्देनजर आढ़तियों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकीय उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जाती है.'

सरकार ने बताया कि वर्तमान समय में 600 किसानों-बागवानों के 25.80 करोड़ से अधिक रूपये आढ़तियों के पास लम्बित हैं. साल 2019 में बागवानों के पैसे की वसूली और दोषी आढ़तियों, बिचोलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार पुलिस महानिदेशक, हिमाचल प्रदेश ने सीआईडी में एक SIT का गठन तीन माह की अवधि के लिए किया था. वर्तमान में विशेष जांच दल में तैनात कर्मचारियों का स्थानातरण होने के कारण लम्बित मामलों की जांच अपराध शाखा में तैनात जांच अधिकारियों की ओर से अम्ल में लाई जा रही है.

सरकार ने बागवानों की उपज के मूल्य की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकीय उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2005 लागू किया है, जिसकी धारा 43-73 में बकाया राशि की वसूली के प्रावधान किए हैं.

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