देहरादून:उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि, इन जगहों तक पहुंच आसान हो सके. माना जा रहा है कि हेली सेवाओं से पर्यटन की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. इसी कड़ी में दो साल के भीतर 8 हेलीपोर्ट तैयार किए जा चुके हैं. जबकि, 6 हेलीपोर्ट के निर्माण का काम जारी है.
उत्तराखंड भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य है. ऐसे में प्रदेश को हर साल प्राकृतिक आपदाओं से दो चार होना पड़ता है. आपदा की स्थिति में राहत टीमों को पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. इसके साथ ही पर्यटन के लिहाज से भी पर्यटकों को लंबा सफर तक कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है. इन्हीं तमाम समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग जगहों पर हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. इनमें से कुछ का काम शुरू हो गया है तो कुछ अगले दो सालों के भीतर बनकर तैयार हो जाएंगे.
यूकाडा सीईओ सोनिका का बयान (वीडियो- ETV Bharat) बीते दो साल में यूकाडा यानी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी में हेलीपोर्ट तैयार कर चुका है, जो अब यात्रियों को अपनी नियमित सेवाएं दे रहे हैं. इसके साथ ही त्रियुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर,हरिद्वार में हेलीपोर्ट निर्माण का काम शुरू हो चुका है. यूकाडा की मानें तो अगले एक साल के भीतर सभी जगहों पर चल रहे हेलीपोर्ट के काम को पूरा कर लिया जाएगा.
क्या बोले सीएम धामी?मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का हर आम आदमी भी हवाई सफर कर सके. इसी को देखते हुए उत्तराखंड में उड़ान योजना और मुख्यमंत्री उड़नखटोला योजना के जरिए हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है. जिसका सीधा लाभ तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियां बढ़ाने में मिलेगा.
आसमान में उड़ान भरता हेलीकॉप्टर (फोटो- ETV Bharat) उत्तराखंड में 100 से ज्यादा हेलीपैड बनकर तैयार:वहीं, यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 100 से ज्यादा हेलीपैड बनकर तैयार हो चुके हैं. ये किसी भी यात्री सेवा या आपातकालीन स्थिति में ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. इस तरह से राज्य में अब दूर दराज इलाकों तक हवाई सेवा (एयर कनेक्टिविटी) के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
सहस्त्रधारा हेलीपोर्ट (फोटो सोर्स- X@DIPR_UK) जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार: राज्य सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार कर रही है. इसके लिए भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है. पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तर्ज किया जा रहा है. जबकि, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है.
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (फोटो सोर्स- X@DIPR_UK) क्या है हेलीपोर्ट? हेलीपोर्ट पर एक साथ कई हेलीकॉप्टर की पार्किंग की जा सकती है. इसके अलावा हेलीकॉप्टर की मेंटेनेंस (हैंगर) सुविधा के साथ ही यात्रियों के लिए विश्राम करने, कैंटीन, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. हेलीपोर्ट का निर्माण एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाता है. हालांकि, ये एयरपोर्ट से छोटे होते हैं.
सहस्रधारा हेलीपोर्ट पर हेलीकॉप्टर (फोटो- ETV Bharat) हेली सेवा के कई फायदे: इनके जरिए जनता के लिए हवाई यात्रा को सुलभ और किफायती बनाना है. साथ ही प्रदेश में पर्यटन और आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करना है. वहीं, हेली सेवाओं से एक बेहतर आवाजाही के लिए माध्यम उपलब्ध होगा. साथ ही इमरजेंसी के दौरान एक जीवन रेखा के रूप में भी हेली सेवा काम करेगी. क्योंकि, हेली सेवा से किसी मरीज या घायल को बेहतर चिकित्सा संस्थानों में आसानी से पहुंचाने में मदद मिलती है.
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