मंडी:दुनिया भर के कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के कारण देश सहित प्रदेश सरकार ने भी इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. हालांकि प्रदेश सहित देशभर में मौजूदा समय में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. यहां आखिरी मामला मार्च 2024 को केरल में पाया गया था, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के बाद इस बीमारी की रोकथाम के लिए पहले से पूरी एहतियात बरती जा रही है.
बाहर से आने वाले लोगों पर रखी जा रही नजर
सीएमओ मंडी डॉ. नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि जिन देशों में यह संक्रमण फैला है वहां से आने वाले लोगों पर विभाग नजर रख रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 67, जोनल हॉस्पिटल मंडी में 20, सिविल हॉस्पिटल सुंदरनगर में 2 और करसोग में 6 आइसोलेशन बैड चिन्हित कर दिए हैं. डॉ. भारद्वाज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अपने इंतजाम पुख्ता कर लिए हैं और सभी डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
क्या है मंकीपॉक्स वायरस ?
मंकीपॉक्स एक एमपॉक्स वायरस है, जो कि एक संक्रामक रोग है. ये मनुष्यों और जानवरों दोनों में हो सकता है. मंकीपॉक्स वायरस होने पर शरीर पर दाने और फफोले बन जाते हैं, और फिर वो फूटने लगते हैं. मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण दो से चार सप्ताह में नजर आने लगते हैं. ये वायरस आमतौर पर चूहों या बंदरों में पाया जाता है.
वायरस के शुरुआती लक्षण