लखनऊ: एनेस्थीसिया में तमाम तकनीक आ चुकी है लेकिन (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) एसजीपीजीआई इस मामले में एक कदम हर संस्थान से आगे हैं. दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से यहां पर मरीजों की मॉनिटरिंग की जाती है. मॉनिटरिंग के दौरान मरीज के शरीर में हो रहे बदलाव को तुरंत एआई बताता है. इसके हिसाब से सर्जरी के समय मरीज को कितना डोज एनेस्थीसिया देना है, इसका सटीक पता चलता है. ये बातें ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान एसजीपीजीआई के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभात तिवारी ने बताई.
पीजीआई लखनऊ में AI तकनीक से मरीजों की मॉनिटरिंग, सटीक एनेस्थीसिया डोज की देता जानकारी - SPGI Lucknow - SPGI LUCKNOW
मरीज के शरीर में हो रहे बदलाव की तुरंत देता है जानकारी, एसजीपीजीआई के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभात तिवारी ने दी जानकारी,
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 5, 2024, 5:22 PM IST
प्रो. प्रभात तिवारी ने कहा कि आम इंसान को लगता है कि डॉक्टर ने मरीज को एक इंजेक्शन लगाया और काम खत्म हो गया और इतनी देर में ऑपरेशन हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है. एक एनेस्थीसिया विशेषज्ञ का काम बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. मरीज की फिजियोलॉजी, उसकी हिस्ट्री को जानना और जब तक ऑपरेशन होता है, तब तक एनेस्थीसिया एक्सपर्ट ओटी में सर्जन के साथ मौजूद रहता है. एनेस्थीसिया एक्सपर्ट ओटी में मौजूद मरीज की पूरी जानकारी रखता है. मरीज को क्या बीमारी है, क्या दिक्कत है, पहले उसे क्या समस्या थी. कभी उसने कोई दवा खाई है. कभी कोई एलर्जी रही है. परिवार में किसी को कोई बीमारी रही है. अनुवांशिक तो नहीं है. वर्तमान में उसकी क्या दवाई चल रही है. सारी चीजों की जानकारी होने के बाद विशेषज्ञ वर्तमान दिक्कत के हिसाब से एनेस्थीसिया का डोज निर्धारित करता है. यानी उसने एक प्रक्रिया को तैयार किया है, उसके बाद सर्जन ऑपरेशन करता है.