बीकानेर :हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 बार आने वाली एकादशी तिथि का अलग-अलग महत्व है. मान्यता है कि श्रीहरि विष्णु के शरीर से माता एकादशी उत्पन्न हुई थीं. एक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथि होती है. मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. वहीं, आज मोक्षदा एकादशी है. शास्त्रों के अनुसार आज के दिन मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत, तप करना श्रेष्ठ है. साथ ही आज गीता जयंती भी है.
सर्वोत्तम फल की होगी प्राप्ति :बीकानेर के पंचांगकर्ता पं. राजेंद्र किराडू ने बताया कि मोक्षदा एकादशी पर विधि अनुसार पूजा पाठ करने से सर्वोत्तम फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है. कई जातक व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गीता पाठ करने से भी कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं.
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आज होती है विष्णु भगवान के इस स्वरूप की पूजा : शंख, चक्र गदाधारी भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की आज के दिन पूजा होती है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान के इस स्वरुप की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी भी मान्यता है कि जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या करने से मिलता है, उतना ही फल सच्चे मन से आज के दिन व्रत रखने से प्राप्त होता है. आज विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण कवच का पाठ करना चाहिए.