उदयपुर:उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मेवाड़ दौरे पर हैं. उन्होंने शनिवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में मोहनलाल सुखाड़िया स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तकनीकी बदलाव के दौर में 'जॉब सीकर' बनने की बजाय 'जॉब क्रिएटर्स' बनें, क्योंकि पूरी दुनिया उनकी तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है.
हम आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं :धनखड़ ने कहा कि शिक्षक ही किसी संस्थान की रीढ़ होते हैं और उन्हीं की वजह से उन संस्थानों का नाम भी होता है. युवा विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वे देश के असली कर्णधार हैं. भविष्य के निर्माता हैं, इसलिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ नवाचारों और तकनीक के साथ आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि भारत चार ट्रिलीयन डॉलर की इकोनॉमी के साथ विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जहां 8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट है.
वैश्विक संस्थानों की गुणवत्ता और तकनीकी उन्नति के साथ बढ़ते डिजिटाइजेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हम आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं, क्योंकि बीते एक दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सशक्त अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है, जहां पर हर साल 8 नए एयरपोर्ट, हर 2 साल में तीन-चार नई मेट्रो ट्रेन, प्रतिदिन 28 किलोमीटर हाईवे और 12 किलोमीटर नया रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है. बिजली उत्पादन, सौर उर्जा, गैस हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ रही है. अच्छे स्वास्थ्य और अफोर्डेबल घरों का निर्माण अब सपना नहीं रहा है. हर व्यक्ति को सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं और मानवीय मूल्यों के साथ संसाधनों का समुचित इस्तेमाल करके ही हम सशक्त बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी कई सारे तनावों को लेकर आगे बढ़ती है.
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सरकारी सेवा अंतिम विकल्प नहीं : उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब कम मेरिट वाला उनसे आगे बढ़ जाता है, जब भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार आदि समस्याएं दिखती हैं तो युवाओं के मन में दर्द होता है. लेकिन इन सब चीजों को दिल से नहीं लगाते हुए युवाओं को रोजगार के नए उभरते फलक को देखना और समझना चाहिए. सरकारी सेवाएं जरूरी हैं, लेकिन युवाओं को यह नहीं समझना चाहिए कि सरकारी सेवा ही अंतिम विकल्प है. आज युवाओं को उभरते हुए नए रोजगारों के अवसर और ऊंचाइयों के प्रति जागरूक रहना होगा. आसपास के तमाम संसाधनों जैसे जल, थल, नभ और उभरते अवसरों को एकाग्र होकर देखना होगा.
देश में 6G की नई तकनीक : उन्होंने कहा कि अब 6G की नई तकनीक आ रही है जो न सिर्फ फोन के लिए होगी, बल्कि व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए प्रमुख मानी जाएगी. इसलिए हमें भी आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचना होगा, तभी हम कुछ नया और उपयोगी सोच पाएंगे. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि देश के 500 टॉप लोगों को देखें तो पाएंगे कि उनमें 60 प्रतिशत लोग आपकी उम्र के हैं. वे अवसरों के प्रति जागरूक रहे और उन्होंने अवसरों का लाभ उठाया. आज विश्व का कोई भी कॉर्पोरेट संस्थान ऐसा नहीं है, जहां भारतीय बुद्धिमत्ता और युवा प्रमुख तौर पर उपस्थित नहीं दिखाई पड़ते. हर जगह उपस्थित हैं. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि असफलता से कभी मत डरो और न असफलता के लिए खुद को दोष दो. डिग्री केवल डिग्री के लिए न हो, बल्कि स्किल लर्निंग और समाज उपयोगी भी हो, ऐसे प्रयास किए जाएं.
पश्चिम बंगाल के गवर्नर के तौर पर अपने कार्यकाल का अनुभव साझा किया : पश्चिम बंगाल में राज्यपाल के कार्यकाल का अपना अनुभव साझा करते हुए धनखड़ ने कहा कि उस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने में अपने विचारों का योगदान भी दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि पारंपरिक शिक्षा जरूरी है, लेकिन हमें नए उभरते अवसरों की ओर भी देखना होगा. धनखड़ ने कहा कि रोजगार मांगना बुरा नहीं है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है कि हम रोजगार सृजक बनें, क्योंकि जॉब क्रिएटर्स आज की दुनिया में ज्यादा प्रभावी होते हैं.
उन्होंने छात्रों से कहा कि आप ही लोकतंत्र के सबसे अहम प्रतिनिधि हैं. लोकतंत्र को सशक्त बनाने के हवन में आपकी आहुति महत्वपूर्ण होगी. नई पीढ़ी के विद्यार्थियों से उपराष्ट्रपति ने कहा कि अपने कामकाज में राष्ट्रीयता की भावना को सर्वोच्च रखें, क्योंकि हमें तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने के लिए अभी कड़ा परिश्रम करना है. धनखड़ ने पर्यावरण परिवर्तन और क्लाइमेट चेंज पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हमने पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंचाया है. अब उसको सहेजने और संवारने की जिम्मेदारी भी हमारी है.