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मोहन यादव ने दी श्रमिकों को बड़ी सौगात, 16 नगर निगम में बनेंगे मॉडल रैन बसेरे - Model Night Shelters in MP - MODEL NIGHT SHELTERS IN MP

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार मजदूरों के लिए मॉडल रैन बसेरा बनवाने जा रही है. ये रैन बसेरे 16 नगर निगमों में बनाए जाएंगे. एक रैन बरेसा के लिए मध्य प्रदेश सरकार 6 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इन मॉडल रैन बसेरों में डिस्पेंसरी व्यवस्था भी होगी.

MODEL NIGHT SHELTERS BUILT IN MP
मोहन यादव 96 करोड़ में प्रदेश में बनाएंगे 16 मॉडल रैन बसेरा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 10:45 PM IST

भोपाल: एमपी में श्रमिकों के लिए सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है. अब श्रमिकों को उद्योगों के पास ही ठहरने की सुविधा मिलने वाली है. इसके लिए राज्य सरकार ने 16 नगर निगम क्षेत्रों में मॉडल रैन बसेरे बनाने जा रही है. यह जानकारी मंत्रालय में आयोजित श्रम विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने दी है. इस योजना का फायदा यह होगा कि उद्योगों के आसपास झुग्गी बस्तियों का नियंत्रण होगा. अभी प्रदेश में जहां भी औद्योगिक क्षेत्र हैं उनके आसपास झुग्गियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

रैन बसेरों में ही हो जाएगा श्रमिकों का इलाज

बैठक में बताया गया है कि प्रदेश के 16 नगर निगम में 100 बिस्तर क्षमता के मॉडल रैन बसेरे बनाने की कार्रवाई चल रही है. इनका संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति नगर निगम के माध्यम से करेगी. श्रम विभाग को भोपाल, सागर, जबलपुर और इंदौर के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. अन्य स्थानों पर भी रैन बसेरों के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है. महिला और पुरूष के लिए अलग-अलग ठहने की व्यवस्था के साथ ही रैन बसेरों में डिस्पेंसरी व्यवस्था भी रहेगी.

प्रति रैन बसेरा 6 करोड़ रुपये होंगे खर्च

प्रति रैन बसेरे के निर्माण पर लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी. मंत्रालय में आयोजित बैठक में मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत मंडल को प्राप्त होने वाली उपकर राशि, आदर्श आईटीआई एवं श्रमोदय आवासीय विद्यालय के संचालन, ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीयन, श्रमिक विश्राम गृह का निर्माण, संबल योजना अंतर्गत गिग वर्कर्स के पंजीयन की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई. बैठक में प्रमुख उपलब्धियों का ब्यौरा भी दिया गया.

इन उपलब्धियों पर भी हुई चर्चा

बैठक में ई-श्रम पोर्टल पर 1.81 करोड़ श्रमिकों का पंजीयन कर देश में चौथा स्थान प्राप्त करने, सभी असंगठित श्रमिकों का आयुष्मान भारत पीएम-श्रम योगी मानधन योजना में शत-प्रतिशत पंजीकरण का लक्ष्य, प्रदेश में लगभग 15 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड जारी करने, संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने जिलों में विश्राम शालाएं बनाने, एक अप्रैल 2024 से न्यूतनम वेतन अधिनियम के अंतर्गत मूल वेतन की दरों के पुनरीक्षण की कार्रवाई पूर्ण करने की उपलब्धि शामिल है.

मिल श्रमिकों को दिलवाएंगे पुरानी बकाया राशि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "मजदूरों के बकाया भुगतान से संबंधित, जो मामले लंबित हैं. उन्हें समय-सीमा सुनिश्चित कर निपटाया जाए. इंदौर, नागदा, रतलाम और ग्वालियर के विभिन्न मिलों के साथ ही अन्य मिलों के श्रमिकों की पुराना बकाया राशि दिलवाने के लिए राज्य सरकार संकल्प बद्ध है. विभाग स्तर पर भी इसकी नियमित समीक्षा की जाए. प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने ऐसे प्रकरणों में हो रहे कार्य की प्रगति से अवगत करवाया."

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सतना और ग्वालियर में बने श्रमिक कल्याण केन्द्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "मॉडल श्रम कल्याण केन्द्र ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों के नजदीक बनाए जाएं, जहां श्रमिक संख्या अधिक है. जिससे श्रमिकों को लाभ प्राप्त हो सके. उन्होंने सतना, ग्वालियर में श्रमिक कल्याण केन्द्र बनाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औजार, उपकरण खरीदी के लिए अनुदान योजना को पीएम विश्वकर्मा योजना के साथ जोड़कर कार्य किया जाए."

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