भोपाल: मध्य प्रदेश की आईएएस नेहा मारव्या का एक बार फिर दर्द सामने आया है. उन्होंने लिखा है कि 14 साल में फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली, 9 माह से तो कोई काम नहीं मिला, दीवारों में कैद कर रखा है. दरअसल, भोपाल में चल रही तीन दिवसीय आईएएस मीट में युवा आईएएस वॉट्सअप ग्रुप बनाया गया. इसमें आईएएस ज्ञानेश्वर पाटिल ने लिखा कि सीधी भर्ती के आईएएस अफसरों को 14 साल में चार साल की कलेक्टरी मिलना चाहिए. इससे उन्हें न सिर्फ फील्ड का अनुभव मिलेगा, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीति के बारे में भी पता चलेगा. सरकारी योजनाओं को बनाने में मदद मिलती है.
आईएएस का दर्द फिर सामने आया
ग्रुप पर इस पोस्ट के बाद 2011 बैच की आईएएस नेहा मारव्या ने लिखा कि "आईएएस की नौकरी में मुझे 14 साल होने वाले हैं, लेकिन आज तक एक भी बार फील्ड की पोस्टिंग नहीं मिली. मेरे जैसे सीधी भर्ती वाले आईएएस का करियर कैसे संतुलित होना चाहिए. मुझे साढ़े तीन साल उप सचिव बनाकर रखा. अब ढाई साल से राजस्व विभाग में उप सचिव बिना काम के बनाया हुआ है. नौ महीने से मैं सिर्फ ऑफिस आती हूं और चली जाती हूं. मैं अकेलेपन और अलग-थलग होने का दर्द जानती हूं. दीवारों में मुझे कैद करके जैसे रख दिया गया है."
अपने बैच की अकेली आईएएस जो नहीं बनी कलेक्टर
नेहा मारव्या 2011 बैच की अकेली ऐसी आईएएस अधिकारी हैं, जो कलेक्टर नहीं बन सकी. दरअसल, उनके सितारे एक जांच के बाद गर्शिद में आ गए. उन्होंने वन विभाग के पीसीसीएफ पद से रिटायर हुए ललित बेलवाल के खिलाफ भर्ती में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत की जांच की थी. तमाम दबाव के बाद भी उन्होंने जांच की और फर्जीवाड़ा करने की शिकायत को सही पाया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा की थी. इसके बाद आनन-फानन में उनका तबादल कर दिया गया था. बताया जाता है कि ललित बेलवाल तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेहद करीबी थे. बाद में जांच रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कब सुर्खियों में आई नेहा मारव्या
गौतलब है कि अपने अपने वॉट्सअप चैट और बयानों को लेकर नेहा मारव्या अक्सर चर्चाओं में रहती हैं. सबसे पहले जब वे शिवपुरी में अपर कलेक्टर थी, तो यशोधरा राजे सिंधिया को कार्यक्रम करने की अनुमति देने से इंकार दिया था. वह तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव द्वारा इस्तेमाल होने वाली किराए की कार का भुगतान जारी करने से इनकार करने को लेकर चर्चा में आई थी. बढ़ती शिकायतों के बाद उन्हें मंत्रालय में उप सचिव के रूम में लूप लाइन में रखा था.
पूर्व सीएम शिवराज के प्रमुख सचिव पर लगाए थे आरोप
इसके बाद साल 2022 में आईएएस नेहा मारव्या अपनी चैट को लेकर फिर सुर्खियों में आई थी. तब उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव ने अपने पीए के सामने उन्हें जलील किया था और गेट आउट कहा था.