भोपाल: केन्द्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बड़ी राहत देने यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसको लेकर होमवर्क शुरू कर दिया है. उधर प्रदेश के कर्मचारी संगठन ने केन्द्र सरकार के यूपीएस का स्वागत तो किया है, लेकिन कर्मचारी पूरी तरह से इससे संतुष्ट नहीं हैं. मध्य प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने केन्द्र सरकार से इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है.
कर्मचारी संगठन बोले यह नहीं मंजूर
केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए नेशनल पेंशन स्कीम के बाद यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. अब सरकारी कर्मचारी एनपीएस या यूपीएस में से किसी भी एक को चुन सकेंगे. उधर केन्द्र सरकार की इन नई पेंशन स्कीम का मध्य प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने स्वागत तो किया है, लेकिन इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि 'यूपीएस लागू होने से एनपीएस के नुकसान कम हुए हैं, लेकिन खत्म नहीं हुए.'
नई पेंशन स्कीम से परेशानी कम होगी, खत्म नहीं
केन्द्र सरकार द्वारा यूपीएस के माध्यम से एनपीएस में जो परेशानी थी, उसे कम कर दिया गया है. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन केन्द्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू करना चाहिए. जब केन्द्र सरकार द्वारा 18.50 फीसदी अपना योगदान दिया जाएगा और कई लाभ पुरानी पेंशन स्कीम के दिए जा रहे हैं, तो पुरानी पेंशन ही लागू कर देनी चाहिए. केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन ही लागू करे.
मध्य प्रदेश सरकार में लागू करने की मांग
उधरमध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने 'केन्द्र सरकार की इस पेंशन पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा है कि जिस तरह केन्द्र सरकार ने यूनाइटेड पेंशन स्कीम लागू की है, उसी तरह मध्य प्रदेश में भी काम करने वाले राज्य शासन के कर्मचारी के अलावा, निगम मंडल, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के लिए भी इसे लागू किया जाए. प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए.'