मध्य प्रदेश सरकार नुकसान फसलों के मूल्यांकन के लिए वालंटियर्स की नियुक्ती करेगी. आकलन के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. नुकसान के आंकड़ों का दस्तावेज भी तैयार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी घोषणा (ETV Bharat)
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार किसानों के लिए नया कदम उठाने जा रही है. सरकार ने मौसम की मार से नुकसान हुई फसलों के मुआवजे में होने वाली धांधली को रोकने के लिए नया नियम लागू करने जा रही है. फसलों के नुकसान के आकलन के लिए हर पंचायत में वालंटियर्स की नियुक्ती की जाएगी. आकलन के दौरान अब वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी. नुकसान के आंकड़ों का दस्तावेज भी तैयार किया जाएगा.
फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए होगी वालंटियर्स की नियुक्ती (ETV Bharat)
पटवारी के मूल्यांकन से किसानों को रहती है शिकायत
हर साल मौसम की मार की वजह से किसानों को बड़ा नुकसान होता है. फसलें बर्बाद हो जाती है. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि सरकार किसानों को राहत दिलाने के लिए उनके नुकसान की भरपाई करती है, लेकिन अक्सर किसानों को अपने नुकसान का मुआवजा ठीक से नहीं मिल पाता. पटवारी गांव-गांव जाकर नुकसान हुई फसलों का मूल्यांकन करते हैं और रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजते हैं. किसान अक्सर इस रिपोर्ट में अनियमितता की शिकायत करते हैं. पटवारी के आंकलन पर सवालिया निशान लगाते हैं. नुकसान से कम मुआवजा मिलने की शिकायत करते हैं.
कैसे होगा फसल के नुकसान का सटीक आकलन
सरकार ने किसानों की इन्हीं शिकायतों को देखते हुए उन्हें इससे निजात दिलाने के लिए एक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि,'अभी तक नुकसान हुई फसलों का आकलन पटवारी ही करते थे. वही सरकार को रिपोर्ट भेजते थे, लेकिन अब किसानों की नुकसान हुई फसलों का सही आकलन करने के लिए हर पंचायत में वालंटियर्स की नियुक्ती की जाएगी. आंकलन के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. नुकसान के आंकड़ों का दस्तावेज तैयार किया जाएगा. इसके बाद सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इससे पटवारी से हो रहे मूल्यांकन में धांधली के आरोपों से निजात भी मिल जाएगी.'
इस डिजीटल क्राप सर्वे से नौजवानों के सामने रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे. इसमें नौजवान एक बार के सर्वे में आठ से दस हजार रुपए तक की कमाई कर सकेंगे. जबकि तीन बार की फसलों के हिसाब से तीस हजार तक कमा सकेंगे. इस डिजीटल क्रॉप सर्वे के लिए आठवीं से दसवीं तक पढ़े युवाओं को वरीयता दी जाएगी.