MP Logistics Policy 2025 :मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने बुधवार को मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक पॉलिसी को हरी झंडी दे दी है. इस पॉलिसी के तहत मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते जाएंगे. मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक नीति 2025 का उद्देश्य विश्वसनीय और अनुकूल लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना, लॉजिस्टिक के नए मॉडल के साथ लागत को कम करना, नए लॉजिस्टिक पार्क, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, वेयरहाउस और अन्य प्रमुख लॉजिस्टिक सुविधाओं की स्थापना करना है. इसके लिए सरकार वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी.
लॉजिस्टिक नीति का क्या अर्थ है?
लॉजिस्टिक्स नीति से पहले समझ लें कि लॉजिस्टिक क्या होता है. तो बता दें कि किसी रॉ मटेरियल, प्रोडक्ट या सामग्री को उसके मूल स्थान से गंतव्य तक पहुंचाने के मैनेजमेंट को लॉजिस्टिक्स कहते हैं. लॉजिस्टिक्स में इन्वेंट्री प्रबंधन, डिस्ट्रीब्यूशन, गोदाम, ट्रांसपोर्ट, पैकेजिंग और रिस्क मैनेजमेंट जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं. लॉजिस्टिक्स का उद्देश्य सही माल/प्रोडक्ट, सही समय पर, सही जगह पर और सबसे कम खर्च पर पहुंचाना होता है. मध्य प्रदेश की लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 भी इन्हीं बिंदुओं पर आधारित है.
मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक (Etv Bharat) लॉजिस्टिक्स नीति से किसे होगा फायदा?
लॉजिस्टिक्स नीति से प्रोडक्ट और रॉ मटेरियल के ट्रांसपोर्ट और रखऱखाव की सुविधा बेहत बनेगी. इसका सीधा फायदा उद्योगों को मिलेगा. बेहतर लॉजिस्टिक्स होने से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की गतिविधियां भी बढ़ेंगे. वहीं इससे मध्य प्रदेश में इन्वेस्टमेंट और रोजगार लाने के अवसर भी बढ़ेंगे. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि लॉजिस्टिक और वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी.
लॉजिस्टिक हब के निर्माण में सरकार मदद करेगी?
लॉजिस्टिक हब या पार्क के निर्माण के लिए जमीन खरीदने पर निवेश को 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) को सरकार रीइंबर्स करेगी यानी लौटाएगी. 25 एकड़ से 75 एकड़ क्षेत्र में लॉजिस्टिक पार्क बनाने पर अधिकतम 50 करोड़ रु और 75 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर विकसित करने पर अधिकतम 75 करोड़ रु की सहायता मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी.
एक साथ 15 से ज्यादा नीतियों को मंजूरी
मोहन यादव सरकार ने मंगलवार को लॉजिस्टिक नीति 2025 के साथ कुल 15 नीतियों को एकसाथ मंजूरी दी है. मध्य प्रदेश के इतहिास में शायद ये पहला मौका है जब सरकार ने एकसाथ इतनी सारी नीतियों को मंजूरी दी है. सरकार ने लॉजिस्टिक नीति के साथ औद्योगिक संवर्धन नीति IIP 2025 को भी स्वीकृति दी है. औद्योगिक संवर्धन नीति के अंतर्गत डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, कृषि, टेक्सटाइल, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस व रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी नीति, ईवी विनिर्माण, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण, हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति और मेडिकल डिवाईसेस नीति को मंजूरी दी है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी, नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति, फिल्म पर्यटन नीति को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
20 लाख से ज्यादा नई नौकरियां मिलेंगी, जीआईएस पर फोकस
लॉजिस्टिक नीति 2025 के साथ कुल 15 नीतियों को एकसाथ मंजूरी दिए जाने के बाद सरकार का पूरा फोकस रोजगार सृजन पर है. कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, '' ये बैठक एक ऐतिहासिक और बहुत महत्तवपूर्ण बैठक थी. सरकार का पूरा फोकस प्रदेश में नई नौकरियों के सृजन और आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेश को बढ़ाने पर है. अगले 5 साल में मध्य प्रदेश में 20 लाख तक नई नौकरियों का सृजन होगा.''
नगरीय प्रशासन मंत्री ने आगे कहा, '' यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सशक्त मार्गदर्शन और मा. मुख्यमंत्री डॉ. जी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु सतत प्रयासरत है. इसी क्रम में आज राज्य मंत्रालय, भोपाल में मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सहभागिता कर प्रदेश हित में अपने विचार साझा किए. राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गायन से आरंभ हुई बैठक में प्रदेश के उत्थान एवं जनकल्याण से संबंधित अनेक दूरगामी निर्णय लिए गए. साथ ही, भोपाल में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर अहम रणनीति बनाई गईं, जिससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिले और रोजगार के नए द्वार खुलें.''
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