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पेंशन को लेकर मोहन यादव का बड़ा फैसला, NPS कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलेगी भारी-भरकम राशि - Mohan Yadav Big Decision NPS

नेशनल पेंशन सिस्टम लागू होने के बाद केन्द्र सरकार अपने हिसाब से फंड मैनेजर चुनने के विकल्प की सुविधा 2019 में ही दे चुकी है लेकिन मध्य प्रदेश में इसे अब लागू करने का फैसला लिया गया है. नए फैसले से अब कर्मचारी अपने हिसाब से फंड मैनेजर का सिलेक्शन कर पेंशन के अंशदान को इसमें निवेश कर सकेंगे.

MOHAN YADAV BIG DECISION NPS
पेंशन को लेकर मोहन यादव सरकार का बड़ा फैसला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 28, 2024, 4:24 PM IST

भोपाल। नेशनल पेंशन सिस्टम लागू होने से रिटायरमेंट के बाद कम पेंशन मिलने की कर्मचारियों की शिकायत को देखते हुए मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने एक नया रास्ता निकाला है. राज्य सरकार की इस पहल से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भारी-भरकम राशि मिलेगी. राज्य सरकार ने अब प्रदेश के 4 लाख एनपीएस कर्मचारियों को फंड मैनेजर का चुनाव करने की अनुमति दे दी है. इससे अब कर्मचारी अपने हिसाब से फंड मैनेजर का सिलेक्शन कर पेंशन के अंशदान को इसमें निवेश किया जा सकेगा.

निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के सिलेक्शन की सुविधा

निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के सिलेक्शन की सुविधा को लेकर वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.वित्त विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि "राज्य सरकार ने प्रदेश के एनपीएस कर्मचारियों के लिए योजना का विस्तार करते हुए निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के सिलेक्शन के विकल्प की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इसके तहत पेंशन फंड मैनेजर चयन का विकल्प राज्य के कर्मचारियों को भी रहेगा. कर्मचारी पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक का विकल्प चुन सकेंगे. इसमें एक साल में सिर्फ एक एजेंट का ही सिलेक्शन किया जा सकेगा. कर्मचारियों को निवेश के लिए विकल्प रहेंगे."

  • इसमें फंड मैनेजर कंसरवेटिव लाइफ साइकिल और माडरेट लाइफ साइकिल में निवेश करा सकेंगे. इसमें कंसरवेटिव लाइफ साइकिल में इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 25 फीसदी होगी जबकि मॉडरेट लाइफ साइकिल में इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 50 फीसदी होगी.
  • सरकारी प्रतिभूतियों में 100 फीसदी निवेश का विकल्प उपलब्ध रहेगा. इसें कम से कम जोखिम के साथ निर्धारित रिटर्न का विकल्प रहेगा.

कर्मचारियों को होगा अब अच्छा फायदा

केन्द्र सरकार अपने हिसाब से फंड मैनेजर चुनने के विकल्प की सुविधा 2019 में ही दे चुकी है लेकिन मध्यप्रदेश में इसे अब लागू किया गया है. मध्यप्रदेश में अभी तक कर्मचारियों की पेंशन के अंशदान को सिर्फ एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी में ही निवेश किया जा रहा था. मध्यप्रदेश में एनपीएस कर्मचारियों की संख्या करीबन साढ़े 4 लाख है. एनपीएस में 10 फीसदी राशि कर्मचारी जबकि राज्य सरकार 14 फीसदी का अंशदान देती है. इस राशि को शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है. एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी के अलावा अन्य कंपनियों में निवेश का रास्ता खुलने से कर्मचारियों को अच्छा फायदा होगा.

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'लांग टर्म निवेश पर बेहतरीन रिटर्न'

शेयर मार्केट के जानकार संतोष अग्रवाल कहते हैं कि "म्युचुअल फंड निवेश का एक सुरक्षित तरीका है. इसमें फंड मैनेजरों की सलाह पर अच्छी कंपनियों में लांग टर्म निवेश किया जाए तो बेहतरीन रिटर्न मिलता है. इसमें औसत दस साल का रिटर्न 20 फीसदी है वहीं कई बार रिटर्न 30 फीसदी तक भी मिल जाता है. एनपीएस लागू होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा अब फंड मैनेजरों का विकल्प देना कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इसमें निवेश से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मोटी रकम मिल सकेगी." उधर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे कहते हैं कि "एनपीएस में प्रदेश सरकार द्वारा इस नई सुविधा से कर्मचारियों को अधिक लाभ प्राप्त होगा."

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