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मोहन सरकार के बिना निगरानी के 180 दिन पूरे, जिलों के प्रभार के लिए माथापच्ची जारी - Districts Not Allotted To Ministers - DISTRICTS NOT ALLOTTED TO MINISTERS

मध्य प्रदेश में मोहन सरकार को 180 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक मंत्रियों को जिले आवंटित नहीं हो पाए हैं. जिलों के प्रभार को लेकर माथापच्ची लगातार जारी है. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी पर तंज कसा है.

DISTRICTS NOT ALLOTTED TO MINISTERS
मोहन सरकार के बिना निगरानी के 180 दिन पूरे (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 7:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की प्रदेश सरकार बिना प्रभारी मंत्रियों के चल रही है. प्रदेश की मोहन सरकार को गठित हुए 180 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अब तक जिलों के प्रभारी मंत्री भी तय नहीं किए जा सके हैं. जिलों की निगरानी और स्थानीय मुद्दों को सरकार के ध्यान में लाने के लिए ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा जाता है, लेकिन प्रदेश सरकार पिछले 6 माह से बिना निगरानी के ही चल रही है. हालांकि 180 दिन की अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दावा किया कि 15 अगस्त तक मंत्रियों को जिले आवंटित हो जाएंगे.

इसलिए जरूरी होते हैं प्रभारी मंत्री

सरकार की तमाम योजनाओं और विकास कार्यों की निगरानी का जिम्मा वैसे तो संबंधित मंत्री का होता है, लेकिन जिलों में इनका क्रियान्वन ठीक ठंग से हो रहा है, इसके लिए मंत्रियों को जिले आवंटित किए जाते हैं. प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों का समय-समय पर दौरा करता है और इस दौरान जिलों से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण मुद्दे, क्षेत्र की समस्याओं को प्रभारी मंत्री के जरिए सरकार तक संज्ञान में लाना आसान हो जाता है. प्रभारी मंत्री जिले में होने वाले तमाम विकास कार्यों और सरकार की योजनाओं को लेकर हर माह समीक्षा बैठकें करता है. प्रभारी मंत्री एक तरह से जिले का प्रमुख होता है. जिले में हर माह होने वाली जिला योजना समिति की बैठक का प्रभारी भी प्रभारी मंत्री ही होता है.

प्रभारी मंत्रियों के लिए माथापच्ची जारी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के लिए हफ्ते भर तक उठापठक चली थी. मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के नामों के ऐलान के दो दिन बाद 13 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री, राजेन्द्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन मंत्रियों के नामों के ऐलान को लेकर 15 दिनों तक मशक्कत चलती रही. इसके बाद मंत्रियों की शपथ हुई तो फिर विभागों के बंटवारे में 5 दिन लग गए. अब मंत्रियों को जिलों के प्रभार को लेकर मशक्कत चल रही है.

उधर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 180 दिनों की अपनी उपलब्धियां गिनाई. इस दौरान मंत्रियों को जिलों के प्रभार को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से पहले मंत्रियों को प्रभार बांट दिए जाएंगे. प्रभार वाले जिलों में ही मंत्री झंडा फहराएंगे.

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कांग्रेस ने साधा निशाना

उधर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के 180 दिनों के कार्यकाल पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि 'प्रदेश की सरकार केन्द्र के रिमोट से चल रही है. यही वजह है कि अब तक मुख्यमंत्री मंत्रियों को जिलों भी आवंटित नहीं कर सके. लगता है यह सूची अभी तक उन्हें दिल्ली से नहीं मिली है.'

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