भोपाल :बेमौसम बारिश की मार पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. मावठे से कई खरीदी केन्द्रों पर धान तरबतर हो गई. ओलों से भी फसलों को नुकसान पहुंचा है. महाकौशल और विंध्य में बारिश से खरीदी केन्द्रों पर ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं, मोहन सरकार किसानों की मदद को आगे आई है. सरकार ने ऐलान किया है कि किसानों को राहत राशि दी जाएगी. इसके साथ ही राज्य सरकार सरकार अपने स्तर पर फसल बेचने वाले किसानों को बोनस देने की तैयारी कर रही है.
कई किसानों की फसल बिकने से पहले भीगी
बेमौसम बारिश से कई किसानों को नुकसान हुआ है. रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के गांव शोभापुर के किसान रीतेश कटियारबताते हैं "उन्होंने 9 एकड़ जमीन पर धान की फसल लगाई थी. इसमें से आधी फसली ही निकाल सके कि बेमौसम बारिश से आधी फसल भीग गई. इससे उन्हें करीबन 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. अब मुआवजे के लिए उन्होंने कलेक्टर और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है." ऐसी ही स्थिति कई स्थानों पर है. वैसे अधिकांश किसानों की धान की फसलें निकल चुकी हैं, लेकिन कई किसानों की फसल खरीद केन्द्रों पर भीग गई.
खऱीद केंद्रों पर दिखी प्रबंधकों की लापरवाही
मध्यप्रदेश के महाकौशल, विन्ध्य और मालवा क्षेत्र के कई स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि हुई है. खरीदी केन्द्रों पर प्रबंधकों की लापरवाही भी सामने आई है. बारिश को लेकर मौसम विभाग द्वारा पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी, लेकिन समय रहते धान को न तो उठाया गया और न ही उन्हें बारिश से बचाने तिरपार की व्यवस्था की गई. हालांकि रवि सीजन की फसलों के लिए यह पहला मावठा अमृत माना जाता है, लेकिन कई स्थानों पर ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान भी पहुंचा है.
किसानों को बोनस देने की तैयारी में सरकार
इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओला, पाला आदि से फसलों को हो रहे नुकसान को लेकर जिला स्तर पर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान पहुंचा है. फसलों की क्षति के प्रावधान के अनुसार किसानों को राहत राशि दी जाएगी. राज्य सरकार जल्द ही ऐसे किसानों को राहत देने जा रही है जो खरीदी केन्द्रों पर अपनी फसल नहीं बेचते. आमतौर ये वे किसान होते हैं, जिनकी उपज कम होती है और जिन्हें फसल बेचकर हाथोंहाथ पैसों की जरूरत होती है. ऐसे मामलों में किसान समर्थन मूल्य से कम पर भी अपनी फसल बेच देते हैं. ऐसे किसानों को बोनस देने की तैयारी सरकार कर रही है.