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जबरन चार्ज और ब्याज वसूला तो जाना पड़ेगा जेल, कोर्ट ने प्राइवेट बैंक के एमडी और मैनेजर को लिया रडार पर - COURT ORDER ON BANK LOAN CHARGES

अधिक ब्याज कटौती करने वाले बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर, ब्रांच मैनेजर और एमडी पर 420 का मामला दर्ज, हो सकती है जेल

COURT ORDER ON HDFC BANK LOAN EXCESS CHARGES
बैंक मैनेजर, एमडी व अन्य पर 420 का मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 6:30 AM IST

Updated : Feb 6, 2025, 6:45 AM IST

इंदौर : लोन में जबरन चार्ज और सरचार्ज के नाम पर कस्टमर को प्रताड़ित करने वाले बैंकों की अब खैर नहीं है. निर्धारित दर से अधिक ब्याज की वसूली करने पर बैंक प्रबंधन और मैनेजर को जेल जाना पड़ सकता है, ये कहना है इंदौर जिला कोर्ट का. दरअसल, बुधवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने तय सीमा से अधिक ब्याज वसूली के मामले में निजी क्षेत्र के एक बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर, ब्रांच मैनेजर और एमडी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

बैंक ने ब्याज दर से अधिक रकम काटी

दरअसल, इंदौर के बंगाली चौराहा स्थित कंपनी महाकाली फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकाली फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक निजी बैंक से 10 करोड़ रु का लोन लिया था, जिसके लिए बैंक द्वारा 8.15% से 9.15% तक वार्षिक ब्याज दर बताई गई थी. जबकि, बैंक ने वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक लोन की समयावधि के दौरान 8.25% से लेकर 11.45% तक वार्षिक ब्याज लगाते हुए ब्याज और अन्य शुल्कों के नाम पर 65 लाख रु से अधिक राशि वसूल ली.

मामले की सुनवाई के बाद जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील (Etv Bharat)

बैंक मैनेजर, एमडी व अन्य पर 420 का मामला

याचिकाकर्ता ने बताया कि बैंक ‌द्वारा ऑटो डेबिट सिस्टम के माध्यम से यह राशि सीधे महाकाली फूड्स के बैंक खाते से काट ली गई. इस अधिक राशि की वापसी के लिए कई बार बैंक से बातचीत की गई लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर फरियादी को कोर्ट की शरण लेना पड़ी. एडवोकेट सुमित मंडलोई ने बताया, '' 10 करोड़ का लोन लेने के बाद बैंक ने ब्याज के तौर पर भारी भरकम राशि वसूली लेकिन बैंक ने कोई सुनवाई नहीं की नतीजतन कोर्ट ने बैंक के तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर समेत बैंक मैनेजर और एचडीएफसी के एमडी के खिलाफ धारा 417, 418, 420, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.''

indore court on hdfc bank loan excess charges mahakali foods
तय सीमा से अधिक ब्याज नहीं वसूल सकती बैंक (Etv Bharat)

ब्याज में बदलाव का हक सिर्फ बैंक को नहीं

फिलहाल बैंक प्रबंधन से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन इंदौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से स्पष्ट हो गया है कि बैंक लोन के समय ब्याज की जो दर निर्धारित करता है, उसमें फेरबदल का अधिकार बैंक के अलावा खाताधारक को भी है, जिससे लोन के नाम पर अनावश्यक राशि नहीं वसूली जा सकती. फरियादी पंकज साहा और उनके अधिवक्ता सुमित मंडलोई ने बताया कि ऐसे बड़े बैंक और हाउसिंग लोन देने वाले प्रतिष्ठित संस्थान ‌की बेइमानी सामने आने के बाद कोर्ट ‌द्वारा संज्ञान लेते हुए बैंक के प्रबंध, निदेशक जैसे उच्च अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ चार सौ बीसी, आपराधिक न्यास भंग, आदि जैसी गंभीर व गैर जमानतीय धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है.

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बैंक ने ब्याज दर से अधिक रकम काटी

दरअसल, इंदौर के बंगाली चौराहा स्थित कंपनी महाकाली फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकाली फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक निजी बैंक से 10 करोड़ रु का लोन लिया था, जिसके लिए बैंक द्वारा 8.15% से 9.15% तक वार्षिक ब्याज दर बताई गई थी. जबकि, बैंक ने वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक लोन की समयावधि के दौरान 8.25% से लेकर 11.45% तक वार्षिक ब्याज लगाते हुए ब्याज और अन्य शुल्कों के नाम पर 65 लाख रु से अधिक राशि वसूल ली.

मामले की सुनवाई के बाद जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील (Etv Bharat)

बैंक मैनेजर, एमडी व अन्य पर 420 का मामला

याचिकाकर्ता ने बताया कि बैंक ‌द्वारा ऑटो डेबिट सिस्टम के माध्यम से यह राशि सीधे महाकाली फूड्स के बैंक खाते से काट ली गई. इस अधिक राशि की वापसी के लिए कई बार बैंक से बातचीत की गई लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर फरियादी को कोर्ट की शरण लेना पड़ी. एडवोकेट सुमित मंडलोई ने बताया, '' 10 करोड़ का लोन लेने के बाद बैंक ने ब्याज के तौर पर भारी भरकम राशि वसूली लेकिन बैंक ने कोई सुनवाई नहीं की नतीजतन कोर्ट ने बैंक के तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर समेत बैंक मैनेजर और एचडीएफसी के एमडी के खिलाफ धारा 417, 418, 420, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.''

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तय सीमा से अधिक ब्याज नहीं वसूल सकती बैंक (Etv Bharat)

ब्याज में बदलाव का हक सिर्फ बैंक को नहीं

फिलहाल बैंक प्रबंधन से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन इंदौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से स्पष्ट हो गया है कि बैंक लोन के समय ब्याज की जो दर निर्धारित करता है, उसमें फेरबदल का अधिकार बैंक के अलावा खाताधारक को भी है, जिससे लोन के नाम पर अनावश्यक राशि नहीं वसूली जा सकती. फरियादी पंकज साहा और उनके अधिवक्ता सुमित मंडलोई ने बताया कि ऐसे बड़े बैंक और हाउसिंग लोन देने वाले प्रतिष्ठित संस्थान ‌की बेइमानी सामने आने के बाद कोर्ट ‌द्वारा संज्ञान लेते हुए बैंक के प्रबंध, निदेशक जैसे उच्च अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ चार सौ बीसी, आपराधिक न्यास भंग, आदि जैसी गंभीर व गैर जमानतीय धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है.

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Last Updated : Feb 6, 2025, 6:45 AM IST
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