गोड्डाः झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक भागम भाग तेज हो गयी है. एक तरफ झामुमो से निष्कासित बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम दिल्ली की उड़ान भर चुके हैं, वे कह चुके हैं कि वो भाजपा में जा रहे हैं जल्द ही अमित शाह से मिलने की योजना है. दूसरी ओर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लोबिन हेंब्रम के क्षेत्र बोरियो विधानसभा स्थित राजाभीता पहुंच रहे हैं.
दरअसल, आदिवासी सुरक्षित सीट की अहमियत हेमंत सोरेन को पता है. वे किसी भी कीमत पर इन सीटों को गंवाना नहीं चाहेंगे. पिछले चुनाव में राज्य की कुल 28 में से 26 सीट पर इंडिया गठबंधन जीती थी. जिसमें सिर्फ दो सीट खूंटी और तोरपा भाजपा के हिस्से में गयी थी. ऐसे में झामुमो जो पार्टी के पुराने दिग्गज रहे हैं उनकी अपनी एक पहचान रही है. वे राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं वे कई दफा चुनाव जीत चुके हैं. इतना हीं नहीं पहले भी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय भी चुनाव जीत चुके हैं.
अलग राह पर लोबिन
लोबिन हेंब्रम कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग बयान देकर अपनी ही पार्टी को मुसीबत मे डाल चुके हैं. लेकिन ये भी सच है कि उन्होंने हर मुसीबत झामुमो के पक्ष में मतदान किया और कहा कि उनकी आस्था पार्टी सुप्रीमो गुरूजी शिबू सोरेन ले साथ हैं. अब उनकी सदस्यता विधानसभा से चली गयी है और झामुमो से भी निष्कासित कर दिया गया है.
ऐसे सवाल ये भी है कि भाजपा में जाकर वे क्या कर पाएंगे, क्या भाजपा से उन्हें टिकट का आश्वासन मिला है. अगर जवाब हां है तो बोरियो से पूर्व विधायक ताला मरांडी क्या करेंगे, जिन्हें इस बार लोकसभा में भी आजमाया गया. वहीं पिछले के उम्मीदवार सूर्या हांसदा के तेवर भी हाल के दिनों मे बदले-बदले हैं और टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़ने की बात कह चुके हैं.
संथाल में झामुमो का दबदबा