रांचीः डुमरी से जेएलकेएम के नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी वजह से विवादों में घिर गए हैं. इनका एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें जयराम महतो किसी नाजिर को खुली चेतावनी देते देखे और सुने जा सकते हैं. फोन पर उन्होंने नाजिर को कड़े लहजे में पैसे वापस करने को कहा.
विधानसभा के बाहर जब पत्रकारों ने धमकी भरे वायरल वीडियो को लेकर जयराम महतो से सवाल किया तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि यह वीडियो सही है. उनसे पूछा गया कि क्या कानून बनाने वालों को इस तरह की भाषा बोलनी चाहिए. जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा उचित नहीं है. लेकिन आपको यह जानना होगा कि सरकारी नौकरी करने वाले नाजिर ने एक गरीब मजदूर से 10 हजार रु. घूस लिए हैं. तीन बार उसने फोन काट दिया. अगर लोग इमानदारी से काम करेंगे तो ना भाषा बदलने की जरुरत होगी और ना भाषा में कड़वाहट लाने की.
जयराम महतो ने कहा कि आपको मेरी धमकी दिखी लेकिन गरीबों का शोषण क्यों नहीं दिखा. अपनी गलती मानने से इनकार करते हुए विधायक जयराम महतो ने कहा कि भाषा में बदलाव सामने वाले पर निर्भर करता है. सौ में से एक मिस्टेक होगा. जहां संविधान की जरूरत होगी, वहां संविधान से चलेंगे और जहां एग्रेशन की जरुरत होगी, वहां एग्रेशन से चलेंगे.
अब सवाल है कि विधायक जयराम ने किस अंचल के नाजिर को धमकी दी है. चर्चा थी कि उन्होंने डुमरी के नाजिर को धमकाया है. लेकिन वहां के नाजीर दिनेश ने इस बात से इनकार कर दिया. तोपचांची के नाजिर निखिल शुक्ला ने भी कहा कि उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है. काफी पड़ताल के बाद बाघमारा के नाजिर की बात सामने आई. लेकिन बार-बार फोन करने के बावजूद उन्होंने कोई रिप्लाई नहीं दिया.
आपको बता दें कि झारखंड के कई माननीय अपने विवादित बोल की वजह से चर्चा में रहे हैं. कुछ समय पहले मधुपुर से झामुमो विधायक सह मंत्री हफिजुल हसन ने एक कार्यक्रम में माइक फेंक दिया था. विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक इरफान अंसारी ने सीता सोरेन के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी.