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10 माह से लापता किशोर को पुलिस ने इंस्टाग्राम के जरिए ढूंढा, टेस्ट में खराब नंबर आने पर छोड़ दिया था घर - Missing teenager found in Noida - MISSING TEENAGER FOUND IN NOIDA

टेस्ट में कम नंबर आने पर डांट पड़ने के डर से घर से लापता एक किशोर को नोएडा पुलिस ने दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे के पास सकुशल ढूंढ लिया. इस दौरान किशोर कुछ दिन हरिद्वार में तो कुछ दिन अन्य जगहों पर अपना जीवन व्यतीत कर रहा था.

लापता किशोर दस माह बाद मिला
लापता किशोर दस माह बाद मिला (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 15, 2024, 10:46 PM IST

नोएडा :टेस्ट में खराब नंबर आने पर डांट पड़ने के डर से एक किशोर अपने घर से लापता हो गया था, जिसे नोएडा पुलिस ने 10 महीने बाद बुधवार को बंगला साहिब गुरुद्वारे के पास सकुशल ढूंढ लिया. लापता के दौरान किशोर कुछ दिन हरिद्वार में तो कुछ दिन अन्य जगहों पर अपना जीवन व्यतीत कर रहा था. किशोर को सकुशल बरामद करने वाली टीम को डीसीपी नोएडा की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया.

डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्र ने बताया कि बीते साल 21 जुलाई को सेक्टर-22 निवासी अखंड प्रताप सिंह ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका 14 वर्षीय भतीजा रनवीर शाम चार बजे कोचिंग के लिए निकला था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा. देर रात तक भी जब वह घर नहीं लौटा तो इसकी शिकायत पुलिस से की गई.

इस मामले के लिए दो टीमें गठित की गई. पुलिस टीम द्वारा लगातार युवक की तलाश की जा रही थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग रहा था. एक अन्य टीम को चार दिन पहले किशोर की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर कुछ युवकों के साथ दिखी. इंस्टाग्राम पोस्ट की लोकेशन हरिद्वार की थी. इसके बाद एडिशनल डीसीपी की अगुवाई में टीम को हरिद्वार के लिए भेजा गया. टीम ने पोस्ट में दिख रहे युवकों से जब संपर्क किया तो पता चला कि किशोर इस समय दिल्ली में है. इसके बाद टीम दिल्ली पहुंची और जब वह बंगला साहिब गुरुद्वारे से लंगर खाकर निकल रहा था, तभी टीम के साथ गए उसके चाचा ने बच्चे को पहचान लिया.

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पुलिस की टीम ने जब किशोर से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पिता छत्तीसगढ के सरदूजा जिले के अम्बिकापुर कस्बे में कारोबार करते हैं. रनवीर का बचपन से ही पढ़ने में मन नहीं लगता था. पढ़ने के लिए रनवीर के पिता ने उसे अपने भाई अखंड के पास नोएडा भेज दिया था. अखंड प्रताप सिंह गणित के शिक्षक हैं. चाचा ने रनवीर का सेक्टर-22 स्थित एक निजी स्कूल में 9वीं क्लास में एडमिशन करवा दिया और उनके चाचा भी उन्हें घर पर पढ़ाते थे.

चाचा के पास आने के बाद भी किशोर का मन पढ़ाई में नहीं लगा. किशोर का स्कूल में यूनिट टेस्ट काफी खराब जाता था. उसे कम अंक आने का डर सताने लगा. इस आशंका से वह घर से कोचिंग के लिए निकला, पर वह सेक्टर-37 से बस में बैठकर कनॉट पैलेस चला गया. जहां कुछ दिन तक बंगला साहिब गुरुद्वारे में रहा. तीन सप्ताह पहले वह घूमने के लिए हरिद्वार भी गया था.

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