नई दिल्ली: दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों के मामले में गुरुवार को शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीडीए पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के एलजी साहब की डीडीए ने अमीरों के फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए बिना परमिशन के सैकड़ों पेड़ों की आहूति दे दी. जबकि, यहां बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त के एक भी पेड़ नहीं काटे जा सकते.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में किसी भी ट्रांसपोर्ट, सड़क या फ्लाईओवर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यूटीपेक की मंजूरी जरूरी होती है. यूटीपेक तय करता है कि कौन सी सड़क कहां और कैसे बनेगी. यूटीपेक की मीटिंग में प्रोजेक्ट अप्रूव हुआ. जिसमें शुरू में गौशाला सड़क को उल्टे हाथ चौड़ा करने की मंजूरी दी गई, लेकिन सड़क को सीधे हाथ चौड़ा किया गया है. यूटीपेक के नक्शे में सीधे हाथ रिज क्षेत्र के पेड़ हैं, जबकि उल्टे हाथ लगातार फॉर्महाउस बने हैं. इन फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए ही दूसरी तरफ स्थित पेड़ों को अवैध तरीके से काट दिया गया.
मंत्री भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के ईको सेंसिटिव जोन, असोला भाटी सेंचुरी (जिसे सुप्रीम कोर्ट ‘लंग ऑफ दिल्ली’ कहता है और जहां एक भी पेड़ सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता.) में डीडीए ने गैरकानूनी तरीके से 1100 पेड़ काट दिए. सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के वाइस चेयरमैन से पूछा है कि क्या एलजी वीके सक्सेना 3 फरवरी को रिज एरिया में गए थे. मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि एलजी वहां 3 फरवरी को गए थे और इसके अलावा भी वो कई बार रिज एरिया का दौरा कर चुके हैं.