पटनाः राजधानी पटना के चिड़ियाघर में 10 साल पहले टॉय ट्रेन चलती थी, जिससे बच्चे और बूढ़े सभी जीव-जंतुओं को देखना पसंद करते थे. लेकिन पिछले कई वर्षों से यह टॉय ट्रेन बंद पड़ी है. अब बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने घोषणा की है कि पटना जू में फिर से टॉय ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है. इसका प्रपोजल तैयार कर लिया गया है. वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार शनिवार को पटना जू का निरीक्षण करने पहुंचे थे.
मंत्री प्रेम कुमार. (ETV Bharat) "पटना जू देश में चौथे स्थान पर है. हमारा जू कैसे पहले स्थान पर आए इसको लेकर के हम लोगों ने मास्टर प्लान तैयार किया है. पटना जू में प्रतिदिन लोग घूमने आते हैं. बिहार नहीं बल्कि बाहर से भी जो लोग आते हैं. बिहार सरकार की इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी मजबूती मिलेगा."- प्रेम कुमार, वन एवं पर्यावरण मंत्री
पटना जू में मंत्री प्रेम कुमार. (ETV Bharat) मास्टर प्लान तैयारः प्रेम कुमार ने बताया कि पटना जू के डेवलपमेंट के लिए 5 साल का मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इस मास्टर प्लान के तहत जू में कई सुधार और नए निर्माण कार्य किए जाएंगे, जिससे इसे देश में पहले स्थान पर लाया जा सके. वर्तमान में पटना जू देश में चौथे स्थान पर है. इस मास्टर प्लान में टॉय ट्रेन के अलावा अन्य कई आकर्षण भी शामिल होंगे, जिससे जू को पर्यटकों के लिए और भी रोचक और शिक्षाप्रद बनाया जा सके.
पटना जू में मंत्री प्रेम कुमार. (ETV Bharat) नए लुक में टॉय ट्रेनः टॉय ट्रेन की वापसी से पटना जू में फिर से रौनक लौट आएगी. बच्चे-बूढ़े सभी इसका आनंद ले सकेंगे. जल्द इसको कैबिनेट में पेश किया जाएगा. कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद जो 10 सालों से बंद पड़ा है टॉय ट्रेन उसको फिर से शुरू किया जाएगा, जिस पर फिर से लोग सवार होकर ट्रेन से जीव जंतुओं का दीदार कर सकेंगे. कैबिनेट से टॉय ट्रेन चलाने की हरी झंडी मिलने के बाद पटना जू में टॉय ट्रेन के लिए नई ट्रैक बनायी जाएगी. पहले से बेहतर और नए लुक में टॉय ट्रेन को शुरू किया जाएगा, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
पटरी बिछाने के काम का सर्वे: मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि दानापुर रेल मंडल के इंजीनियरों के द्वारा पटना जू में पटरी बिछाने के लिए सर्वे का काम कर लिया गया है. पुरानी पटरी कि जगह नई पटरी बिछाई जाएगी. अलग-अलग लोकेशन जहां पर बाघ, हाथी, शेर, भालू झील के पास स्टेशन बनाया जाएगा. यह टॉय ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन के साथ दौड़ेगी. 1 साल का समय लगेगा. जिसपर लगभग 8 से 10 करोड़ रुपए खर्च आएंगे. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बहुत जल्द इसकी काम की शुरुआत की जाएगी.
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