पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दूसरे दिन भी बिहार विधानसभा के उपचुनाव के लिए प्रचार करेंगे. मुख्यमंत्री आज पार्टी के उम्मीदवार के लिए बेलागंज में लोगों से वोट मांगेंगे तो वहीं इमामगंज में हम के उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. 13 नवंबर को विधानसभा का उपचुनाव होना है. वहीं 23 नवंबर को मतगणना होगी.
रामगढ़ और तरारी कर चुके प्रचार: मुख्यमंत्री 9 नवंबर को रामगढ़ और तरारी में चुनाव प्रचार कर चुके हैं. दोनों जगह से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. आज पार्टी के उम्मीदवार के लिए भी जनता के बीच जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के साथ जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी भी रहेंगे. वहीं बीजेपी और एनडीए के अन्य घटक दल के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे.
सीएम मांगेंगे मनोरमा और दीपा के लिए वोट: बेलागंज में जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को टिकट दिया है. वहीं आरजेडी से सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से मोहम्मद अमजद और एआईएमआईएम के उम्मीदवार मोहम्मद जामिन अली हसन भी चुनाव मैदान में है.
मैदान में उतड़ी जीतन राम मांझी की बहू: उधर इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी चुनाव लड़ रही हैं. जनसुराज की ओर से जितेंद्र पासवान को यहां उतारा गया है जबकि एआइएमआइएम के कंचन पासवान भी चुनौती दे रहे हैं. बिहार विधानसभा के चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में इमामगंज सुरक्षित सीट है.
इमामगंज में भी मुख्यमंत्री: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेलागंज में पार्टी के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को झोंक दिया है. आज वो खुद चुनाव प्रचार कर पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे. एनडीए के अन्य घटक दल के नेता भी मुख्यमंत्री के साथ चुनाव प्रचार में नजर आएंगे. इमामगंज में भी मुख्यमंत्री के साथ हम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में रहेंगे.
इमामगंज है सुरक्षित सीट: बेलागंज सीट सुरेंद्र यादव के जहानाबाद से सांसद बनने के कारण खाली हुआ है. सुरेंद्र यादव लगातार यहां से विधानसभा का चुनाव जीतते रहे हैं और इस क्षेत्र में सुरेंद्र यादव का एक तरह से दबदबा है. राजद ने सुरेंद्र यादव के बेटे पर इसलिए दाव लगाया है. दूसरी ओर इमामगंज सुरक्षित सीट चार विधानसभा सीटों में से एकमात्र एनडीए का सीटिंग सीट है.
बेलागंज और इमामगंज की लड़ाई दिलचस्प: इमामगंज सीट जीतन मांझी के गया से सांसद बनने के कारण यह सीट खाली हुआ है. ऐसे में एनडीए के लिए यह सीट बचाए रखने की चुनौती है. ऐसे तो लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच की है. हालांकि प्रशांत किशोर और एआईएमआईएम के तरफ से भी उम्मीदवार उतार कर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया गया है.
पढ़ें-'यादव की लाठी अल्पसंख्यक की मदद के लिए उठेगी', RJD के वरिष्ठ नेता का बड़ा बयान