पटना:बिहार सरकार आगामी बजट सत्र में विधानसभा में नईहोल्डिंग टैक्स नीतिलाने की तैयारी में है. पुरानी होल्डिंग टैक्स नीति को बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री नितिन नबीन ने अब व्यवहारिक बताया है. उन्होंने शुक्रवार को विभाग में विभिन्न जिलों के चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद यह बातें कहीं हैं. मंत्री ने कहा कि तमाम चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों का मानना है कि साल 2023 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री तेजस्वी यादव की ओर से लाई गई होल्डिंग टैक्स पॉलिसी अव्यवहारिक है.
वर्तमान होल्डिंग टैक्स पर पुनर्विचार:मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि वर्तमान होल्डिंग टैक्स पॉलिसी से व्यवसायिक वर्ग और शहर वासियों पर होल्डिंग टैक्स के रूप में भारी बोझ पड़ रहा है. होल्डिंग टैक्स के विभिन्न अव्यवहारिक पहलुओं के संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी है. ऐसे में तय किया गया है कि सरकार होल्डिंग टैक्स पॉलिसी 2023 पर पुनः विचार करने जा रही है. उसमें हुई अव्यवाहरिक बढ़ोत्तरी पर पुनः विचार करते हुए इस पर पूरे बिहार में समरूपता के साथ कैसे लागू किया जाए, इस पर भी चैंबर ऑफ कॉमर्स से सुझाव लिया गया है.
लोगों को सुविधा देना होल्डिंग टैक्स का उद्देश्य:मंत्री ने कहा कि होल्डिंग टैक्स का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुविधा देना है. टैक्स की मदद से नगर निकायों का विकास होता है लेकिन यह टैक्स व्यवसायियों पर बोझ ना बन जाए, उसके लिए वर्तमान पॉलिसी पर पुनः विचार किया जा रहा है. नितिन नबीन ने कहा कि कई जिलों से होल्डिंग टैक्स प्रणाली से संबंधित समस्याएं सामने आ रही थी. जिसके बाद विभागीय सचिव और अपर सचिव को निर्देश दिया गया है कि इस पर अलग-अलग व्यवसायियों के साथ बैठकर करके उनसे चर्चा करें. इसके साथ ही टैक्स सिस्टम पर पुनर्विचार करें.
"जो 2023 होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी हुई, उसके बाद संशोधन को लेकर सुझाए आए थे. उसी को देखते हुए विभाग ने चैंबर ऑफ कॉमर्स के लोगों के साथ बैठक की. बहुत जल्द डिपार्टमेंट इस पर निर्णय लेकर सरकार से अनुमति लेगा."- नितिन नबीन, मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग