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मंत्री अनिल राजभर की राहुल गांधी को नसीहत, कहा- सड़क की भाषा सदन में नहीं बोली जाती - Minister Anil Rajbhar - MINISTER ANIL RAJBHAR

वाराणसी पहुंचे योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने हाथरस भगदड़ हादसे और राहुल गांधी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की नसीहत भी दी.

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर. (Photo Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 9:01 PM IST

मंत्री अनिल राजभर. (Video Credit; Etv Bharat)

वाराणसी: कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने मीडिया से बातचीत करते हुए संसद में राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सड़क की भाषा संसद में नहीं बोलनी चाहिए. सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री ने हाथरस की घटना को लेकर कहा कि कोई भी कार्यक्रम अगर किसी को करना होता है तो प्रशासन के पास लोग परमिशन के लिए जाते है. स्थानीय आयोजकों ने सत्संग के लिए परमिशन लेते हुए एक निश्चित संख्या का ज़िक्र किया था. जिसके अनुसार प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की थी. लेकिन प्रशासन को संख्या बताई गई, अचानक उससे कई गुना ज्यादा लोगों को बुला लिए. इस दुःखद घटना के जिम्मेदारी कार्यक्रम के आयोजक हैं.

मंत्री ने कहा कि घटना की खबर मिलते ही मंत्री लक्ष्मी नारायण, मंत्री संदीप, उत्तर प्रदेश प्रशासन के मुख्य सचिव, डीजीपी तत्काल घटना स्थल पर भेजा गया. मुख्यमंत्री ने भी घटना स्थल का दौरा किया है. 24 घण्टे के अंदर जांच रिपोर्ट शासन ने तलब किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने सदन में राहुल गांधी के हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान के सवाल पर कहा कि 'मैं सिर्फ राहुल गांधी से इतना कहना चाहता हूं कि सड़क की भाषा सदन में नही बोली जाती है. सड़क की भाषा को सदन में बोलने से सदन का अपमान होता है. जब देश के पार्लियामेंट की कार्यवाही चलती है तो पूरी दुनिया देखती है. क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है. लोकतंत्र का मंदिर है संसद, उसकी एक मर्यादा है. अगर नेता प्रतिपक्ष इसे समझेंगे तो देश के डेमोक्रेसी के लिए भी यह अच्छी बात है. देश के लिए भी अच्छी बात है.' NEET मामले में बेदीराम पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में हैं. मुख्यमंत्री ही इस मामले पर उचित फैसला करेंगे.

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