आगरा:जिले के फतेहाबाद थाना क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गांव प्रतापपुरा में भतीजे से दोस्त के साथ मिलकर दूधिया की हत्या की थी. पुलिस की मुखबिरी करने के शक में दूधिया की हत्या हुई थी. फतेहाबाद थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर दूधिया हत्याकांड का खुलासा किया. डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा ने बताया कि रंजिश और मुखबिरी के शक में रिश्ते के भतीजे ने दोस्त के साथ मिलकर दूधिया की हत्या की थी.
फतेहाबाद थाना क्षेत्र के गांव प्रतापपुरा निवासी 30 वर्षीय दूधिया मोनू शर्मा की गोली मारकर हत्या की गई थी. मोनू शर्मा 13 नवंबर की रात करीब 8 बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की कैंटीन में दूध देकर अपने घर लौट रहा रहा था. तभी, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के सर्विस रोड पर गांव के पास ही बाइक सवार मोनू शर्मा को रास्ते में घेर कर गोली मारी गई थी.
जान बचाने के लिए मोनू शर्मा ने खेत में दौड़ लगाई थी. लेकिन, हमलावरों ने उसका पीछा किया था. इस वजह से गांव से दूर कच्चे रास्ते पर मोड़ के खेत में मोनू का शव मिला था. गोलियों की आवाज और चीख पुकार सुनकर लोग मौके पर आए. सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी. मोनू शर्मा के सिर में पीछे की तरफ गोली लगी थी. उसकी बाइक 100 मीटर की दूरी पर रास्ते में पड़ी मिली थी. रास्ते पर टंकी में बचा दूध भी फैला हुआ था.
डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat) यह भी पढ़े- प्यार में दिया धोखा, शादी के बहाने बनाए संबंध, फिर बेरहमी से लड़की की हुई हत्या
डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा ने बताया, कि दूधिया मोनू शर्मा की हत्या में गांव प्रतापपुरा का विशाल शर्मा उर्फ राजा पंडित और उसके दोस्त शिवम शर्मा उर्फ धोनी निवासी गढी सावराय को गिरफ्तार किया गया है. अभियुक्त विशाल शर्मा के खिलाफ मध्य प्रदेश के रतनगढ़ से डकैती में इनाम घोषित है. आरोपी इस मामले में फरार चल रहा है.
डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा ने बताया कि आरोपी विशाल शर्मा और शिवम से पूछताछ की गई. पूछताछ में आरोपी विशाल शर्मा ने बताया, कि मैंने अपने साथियों के साथ मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रतनगढ में डकैती की वारदात की थी. इस पर नीमच पुलिस ने मुझपर इनाम घोषित किया था. विशाल शर्मा का कहना है, कि नीमच की पुलिस लगातार फतेहाबाद थाना पुलिस से संपर्क में थी.
इसके साथ ही फतेहाबाद थाना में चोरी, छिनैती और अन्य वारदात में मेरा नाम आया था. मुझे शक था, कि फतेहाबाद थाना पुलिस को दूधिया मोनू मेरी हर जानकारी दे रहा था. मोनू मेरी मुखबिरी कर रहा था. जिससे मुझे जेल जाने का डर था. इसलिए, मैंने मोनू शर्मा को रास्ते से हटाने की सोची थी. जिसके चलते बाइक से 13 नवंबर की रात दूधिया मोनू के गांव लौटने का इंतजार किया. जैसे ही गांव की मोड पर मैं आया तो उसे रुकवा लिया. कहासुनी के बाद उसे गोली मार दी.
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