गिरिडीह: लोकतंत्र के महापर्व चुनाव को लेकर प्रवासी मजदूरों में भी गजब का उत्साह देखने को मिला. अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए इलाके के बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर महानगरों से वापस अपने गांव लौट आये हैं. मजदूरों ने गांव पहुंचकर अपने चहेते उम्मीदवारों के पक्ष में वोट किया है. हालांकि प्रवासी मजदूरों में हेमंत सरकार के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिली है.
मतदान केंद्रों पर ईटीवी भारत संवाददाता ने उन प्रवासी मजदूरों से बात की. इस दौरान मजदूरों ने कहा है कि वे हजारों किमी दूर से चलकर और हजारों रुपए खर्च कर इसलिए गांव लौटे हैं कि उनके द्वारा चुनी जाने वाली सरकार प्रवासी मजदूरों के हितों के लिए कुछ कार्य करें. सरकार रोजगार की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर कराए, ताकि उन्हें महानगरों और विदेशों में मजदूरी करने जाना नहीं पड़े.
वोट देने के लिए महानगरों से पहुंचे कुछ प्रवासी मजदूरों ने ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में कहा कि वे गुजरात, मुंबई आदि महानगरों से वोट करने के लिए वापस गांव आएं हैं. मतदान के बाद पुनः पलायन कर जाएंगे. बता दें कि बगोदर विधान सभा क्षेत्र में पलायन एक बड़ी समस्या है. इलाके के युवाओं का पलायन रोजी-रोजगार के लिए महानगरों और विदेशों में होता है. इस बीच कभी-कभी उन्हें विदेशों एवं महानगरों में प्रताड़ित होने, फंसने, मजदूरी नहीं मिलने आदि समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है.