आगरा:ताजनगरी के लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं में विस्तार करने के लिए मेट्रो सेवा शुरू की गई थी. लेकिन अब यही मेट्रो शहर के मोती कटरा के निवासियों की जान पर बन आई है. हालात का जायजा लेने ईटीवी भारत एक बार फिर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. मेट्रो टनल की खुदाई से मकानों की दीवारें और छतों की दरारें फिर बढ़ रही है. जिससे लोग दहशत में है. हालात ऐसे हैं कि इलाके के दर्जनों मकान जिसमें मंदिर और मस्जिद भी शामिल है, अभी भी जैक पर टिके हैं. प्रभावित लोग आरोप लगा रहे हैं कि शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही है. मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की गई है. कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मंगलवार को क्षेत्र का दौरा किया और मेट्रो अधिकारियों को फटकार लगाई.
आगरा में अभी छह किलोमीटर में मेट्रो चल रही है. इसके साथ ही श्रीमनकामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन से मोती कटरा और सैय्यद गली से होकर आगरा कॉलेज मेट्रो स्टेशन तक टनल से मेट्रो गुजरेंगी. जिसके लिए करीब दो किलोमीटर लंबी टनल बन रही है. जो जमीन के अंदर करीब 100 से 150 फीट की गहराई पर है. जिसमें ही अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक बनेगा. इसी टनल निर्माण की वजह से ही 151 से अधिक मकानों की दीवारों में दरारें आ गई हैं. कई मकान क्षतिग्रस्त भी हुए हैं.
मेट्रो टनल निर्माण से मकानों में दरारें (Video Credit; ETV Bharat) IIT रुड़की देगी सर्वे रिपोर्ट दो किलोमीटर लंबी टनल का काम तेजी से चल रहा है. जिसकी वजह से मोती कटरा इलाके में 200 से अधिक मकानों में नुकसान हुआ है. लेकिन आगरा मेट्रो के अधिकारी 151 घरों को ही नुकसान पहुंचने की बात कह रहे हैं. जिसमें मकानों की दीवारों में दरारें, छत चटकने और फर्श धंसने की शिकायत है. दर्जनों मकान में ये नुकसान अधिक है. जिसकी वजह से मकान जैक पर टिके हैं. मकानों की मजबूती की जांच आईआईटी रुड़की की टीम ने की थी. जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.
मकान गिरने की आशंका से पहले ही कर दिया खालीमोती कटरा निवासी शैफाली जैन ने बताया कि मेट्रो टनल की खुदाई से पहले मकान की दीवार में दरारें आईं. जिससे मकान में बल्लियां लगाई थीं. मकान की एक दीवार जब लटकी तो मकान एक ओर झुक गया. जिससे जैक लगाए हैं. मकान गिरने की आशंका से पहले ही परिवार के साथ खाली करके चली गईं. लगातार शिकायत के बाद मेरे मकान में मरम्मत कार्य भी नहीं कराया जा रहा है. मकान गिरने का मेट्रो अधिकारी इंतजार कर रहे हैं.
दोबारा से मकान में आ रही दरारें मोती कटरा निवासी सोनम अग्रवाल ने बताया कि मेट्रो की टनल की खुदाई शुरू हुई तो मकान में दरारें आई गई. जिस पर मेट्रो ने मकान की मरम्मत करा दी. जब दोनों ओर से मेट्रो की खुदाई हुई तो मकान की दरारें और बढ़ गईं हैं. जिसके बाद मकान अब जैक पर टिका है. मकान गिरने के हालत में पहुंच चुका है. डर की वजह से किराए पर परिवार रह रहा है. शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं.
शिकायत के बाद खानापूर्ति हो रहीदाऊजी मंदिर के पुजारी हर नारायण शर्मा ने बताया कि मंदिर करीब 200 साल से अधिक पुराना है. मंदिर के नीचे से मेट्रो की टनल जा रही है. मंदिर परिसर में कुआं है. जिसके बारे में अधिकारियों को बताया था. यदि कुआं की जमीन धंसी तो मंदिर गिर जाएगा. मंदिर परिसर में किराएदार रहते हैं. अभी शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं मोती कटरा निवासी नारायण सिंह बताते हैं कि मंदिर और मकानों में खासा नुकसान हुआ है. अधिकारी शिकायत पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इलाके की सीवर लाइनें और पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गईं. जिससे लोग परेशान हैं.
मस्जिद की छत, दीवारें और फर्श भी क्षतिग्रस्त मोती कटरा की मस्जिद को भी टनल की वजह से नुकसान हुआ है. नमाजी मोहसिन ने बताया कि मेट्रो टनल की खुदाई से मस्जिद की दीवारें जर्जर हो गई हैं. मस्जिद की क्षतिग्रस्त छत भी जैक पर टिकी है. मस्जिद का फर्श धंस गया. पड़ोस के मकान की दीवारों में भी दरारें दिख रही हैं. शिकायत पर मस्जिद का फर्श ठीक कराया जा रहा है. जर्जर हो चुकी मस्जिद दोबारा बनाई जाएगी.
151 मकान में कराया जा रहा मरम्मत कार्यआगरा मेट्रो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार राय ने बताया कि मेट्रो टनल की खुदाई की वजह से 151 मकान में नुकसान हुआ है. ये सभी मकान पुराने हैं. जिनमें से 39 मकानों की हालत अधिक खराब है. नगर निगम ने इनमें से 26 मकान कंडम घोषित किए हैं. प्राथमिका के आधार पर मेट्रो की ओर से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत का काम कराया जा रहा है. कई ऐसे लोग भी मकान क्षतिग्रस्त होने की शिकायत लेकर आ रहे हैं. जिनके मकान टनल की खुदाई से 200 मीटर की दूरी पर हैं. इस बारे में आईआईटी की टीम ने भी सर्वे किया है. सर्वे की रिपोर्ट आने का इंतजार है.
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