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सहकारिता संस्थाओं की आर्थिकी पर जोर, बढ़ाया गया सदस्यता और अंश शुल्क, आदेश जारी - Co operative Society in Uttarakhand

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 28, 2024, 6:59 PM IST

Updated : Aug 28, 2024, 7:10 PM IST

Co operative Society in Uttarakhand, Co operative organization उत्तराखंड में सहकारिता के संस्थाओं की आर्थिकी सुधारने को कोशिशें की जा रही हैं. इसके लिए इसका सदस्यता और अंश शुल्क बढ़ाया गया है. इसे लेकर निबंधक ने आदेश जारी कर दिये हैं.

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सहकारिता संस्थाओं की आर्थिकी पर जोर (ETV Bharat)

देहरादून: प्रदेश की सहकारी क्रय विक्रय समितियों, थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डारों और जिला सहकारी विकास संघों में सदस्यता शुल्क और अंशों को बढ़ा दिया है. इस संबंध में उत्तराखंड सहकारी समितियां के निबंधक आलोक कुमार पाण्डेय ने आदेश जारी कर दिए हैं. सदस्यता और अंश शुल्क संबंधित जारी आदेश में इन सभी संस्थाओं को निर्देश दिए गए है कि आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर अपनी उपविधियों में शुल्क बढ़ाने संबंधित संशोधन का प्रस्ताव निबंधक कार्यालय को भेजना होगा.

जारी आदेश के अनुसार, सहकारी क्रय विक्रय समितियों में सदस्यता शुल्क को 250 रुपए और अंश का मूल्य एक हज़ार रुपए किया गया है. थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डारों में सदस्यता शुल्क को 500 रुपए और अंश का मूल्य एक हजार रुपए किया गया है. इसी तरह और जिला सहकारी विकास संघों में भी सदस्यता शुल्क को 500 रुपए और अंश का मूल्य एक हजार रुपए किया गया है.

जारी आदेश (ETV Bharat)

अपर निबंधक आनंद शुक्ल ने बताया सहकारी क्रय विक्रय समितियों, थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डार और जिला सहकारी संघों में उनके सदस्यों की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए निर्णय लिया गया है. साथ ही इससे संस्थाओं की आर्थिक स्थिति को भी सुधारा जा सकेगा, क्योंकि, वर्तमान में इन संस्थाओं के लगभग सभी सदस्य सिर्फ चुनाव के समय ही सक्रिय होते हैं, लेकिन सहकारिता में उनकी आर्थिक सहभागिता न के बराबर होती है. जिसके चलते संस्थाओं के कामकाज के साथ ही आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है.

अपर निबंधक आनंद शुक्ल ने बताया सदस्यता और अंश शुल्क बढ़ाने संबंधित आदेश जारी हो गए हैं. ऐसे में अगले 15 दिनों के भीतर अगर ये संस्थाएं संशोधन का प्रस्ताव नहीं भेजती हैं, तो उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 की धारा 14 की उपधारा (1) में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल कर निबंधक खुद इन संशोधनों को खुद लागू करेंगे. साथ ही कहा ये निर्णय सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने और संरचनात्मक सुधार के लिए लिया गया है.

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Last Updated : Aug 28, 2024, 7:10 PM IST

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