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कबाड़ दुकान से पहले सरकारी दस्तावेज, फिर मिले मेडिकल वेस्ट, जाने क्या है पूरा मामला! - JUNK SHOP IN GARHWA

गढ़वा जिले में एसडीएम द्वारा कार्रवाई करते हुए कबाड़ दुकान से भारी मात्रा में अस्पताल में इस्तेमाल किए हुए सीरिंज और नीडल बरामद किया है.

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एसडीएम के नेतृत्व टीम पहुंची कबाड़ दुकान (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2025, 3:22 PM IST

गढ़वा: जिले में सदर एसडीएम संजय कुमार द्वारा कबाड़ दुकान के विरुद्ध कार्रवाई की खबर चर्चा में है. जिसमें सरकारी दस्तावेज मिले, लेकिन उनके द्वारा एक और बड़े कबाड़ दुकान पर छापेमारी की गई. जिसे देखकर उस छापेमारी दल के लोग भी चौंक गए. छापेमारी के दौरान एसडीएम को कबाड़ दुकान से भारी मात्रा में मेडिकल वेस्टेज प्राप्त हुआ है.

कबाड़ी दुकान से मिला भारी मात्रा में मेडिकल में इस्तेमाल किया हुआ सामान
सदर एसडीएम संजय कुमार को एक सूचना मिली थी कि बड़े स्तर के कबाड़ दुकान में अस्पताल में इस्तेमाल किए हुए सामान रखे हुए हैं. सूचना मिलते ही एसडीएम और नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार कर्बला मैदान के पास अवस्थित कबाड़ दुकान के गोदाम में पहुंचे. जांच के दौरान रद्दी कागज और लोहे के साथ भारी मात्रा में अस्पताल में इस्तेमाल किए हुए सामान भी मिले.

जानकारी देते हुए एसडीएम और नगर परिषद अधिकारी (ईटीवी भारत)

अस्पताल के सीरिंज, नीडल मिलते ही एसडीएम द्वारा त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जिसके आलोक में दुकान को सील करते हुए दुकान संचालक इजहार अंसारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही. मौके पर एसडीएम ने कहा कि कबाड़ दुकान में रद्दी कागज और अन्य सामान का होना अलग है, लेकिन इस्तेमाल किया हुआ सीरिंज, नीडल सहित अन्य मेडिकल सामान का मिलना बेहद खतरनाक और जानलेवा है. इसके साथ ही बहुत संगीन अपराध भी है.

एसडीएम ने कहा कि इसमें पहली गलती तो उन नर्सिंग होम की है, जिसके द्वारा अपने यहां इस्तेमाल किए गए सीरिंज, नीडल और अन्य सामान को खुद से नष्ट न करके बेचा है. दूसरी बड़ी गलती कबाड़ी दुकान संचालक की है, जिसके द्वारा इसको खरीदा गया और साथ ही उसे तत्काल नष्ट ना करते हुए अपने गोदाम में सालों से जमा करके रखा गया है. इसलिए नियम संगत कार्रवाई करते हुए कबाड़ दुकान को सील किया गया. वहीं संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है.

नर्सिंग होम भी है जिम्मेवार
नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार द्वारा सीधे तौर पर नर्सिंग होम को दोषी बताते हुए कहा कि वैसे नर्सिंग होम की बड़े स्तर पर जांच की जाएगी. साथ ही उन सभी नर्सिंग होम के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस रद्द किया जायेगा. अब देखना यह होगा कि वैसे नर्सिंग होम के विरुद्ध कब तक कार्रवाई होती है.

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