जयपुर: राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमेस) के अधीन संचालित 17 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक शिक्षकों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा. जिसके बाद मंगलवार को जयपुर में इन चिकित्सक शिक्षकों की ओर से प्रदर्शन किया गया. ये चिकित्सक शिक्षक राजमेस के अधीन कॉलेजों की मौजूदा फैकल्टी को आरएसआर नियम के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं. चिकित्सक शिक्षकों की ओर से चिकित्सा शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया और सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया.
चिकित्सक शिक्षकों की मांग है कि राजमेस के तहत कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों के लिए भी राजस्थान सेवा नियमों (आरएसआर) को लागू किया जाए और वेतन विसंगति को दूर किया जाए. इन चिकित्सकों का कहना है कि राजमेस की स्थापना वर्ष 2016 में हुई. उसी समय से इसके नियमों में बहुत ही अस्पष्टता थी. उस समय कहा गया था कि आरएसआर नियमों की पालना की जाएगी, लेकिन आज दिन तक इसके नियम अधूरे हैं.
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काम पर लौटने की अपील: वहीं मामले को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य सरकार राजमेस के माध्यम से कार्यरत चिकित्सकों की लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है. इस विसंगति को दूर करने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. खींवसर ने बीते दिन इन चिकित्सकों के साथ वार्ता भी की थी और आश्वासन दिया था कि समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धांत को लागू करने के लिए राज्य सरकार नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है. साथ ही, डाइंग कैडर से संबंधित चिकित्सकों के हितों का भी ध्यान रखते हुए समुचित निर्णय लिया जाएगा. हालांकि इन चिकित्सकों का कहना है कि सरकार की ओर से जो आश्वासन दिया गया है, उसे लिखित में दिया जाए.