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मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स आंदोलन की तैयारी में, सरकार के सामने रखी ये शर्तें

मध्यप्रदेश मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर फिर लामबंद होने लगे हैं. इन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस बंद कराने के प्रस्ताव का विरोध किया है.

MADHYA PRADESH MEDICAL COLLEGES
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स आंदोलन की तैयारी में (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 2:25 PM IST

सागर।मध्यप्रदेश के 5 बडे मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे. मोहन यादव सरकार जल्द ही कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाने वाली है, जिसमें इस फैसले पर मुहर लग सकती है. फिलहाल ये प्रस्ताव है, लेकिन प्रशासनिक गलियारों से मिली जानकारी के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर इसके विरोध में उतर आए हैं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि इस प्रस्ताव के खिलाफ वे लोग आगामी सोमवार को विरोध जताएंगे और काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. प्रोफेसर्स का कहना है कि सरकार अपनी सेवा शर्त और वेतन भत्ते की सुविधाओं का उल्लंघन कर रही है. अगर सरकार हमें केंद्र सरकार की तरह भत्ते दे तो हम प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करेंगे.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देश अनुसार मेडिकल कॉलेज में तैनात फैकल्टी के लिए 8 घंटे काम करना अनिवार्य है. लेकिन प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले फैकल्टी आमतौर पर मेडिकल कॉलेज में समय देने और स्टूडेंट्स पर फोकस करने की बजाय अपनी प्रैक्टिस पर ज्यादा फोकस करते हैं. ऐसे में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा ये प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जल्द ही कैबिनेट में लाने की तैयारी है. इसके एवज में फैकल्टी का 20 प्रतिशत एनपीए (नॉन प्रैक्टिस एलांउस) बढ़ाने की तैयारी है, जो प्राइवेट प्रैक्टिस ना करने के एवज में बढ़ाया जाएगा. ये फैसला प्रदेश के 5 बड़े मेडिकल कॉलेज में लागू किया जा रहा है. जिनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और सागर के मेडिकल कॉलेज हैं.

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष प्रो. सर्वेश जैन (ETV BHARAT)

विरोध में उतरे मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स

इस प्रस्ताव की सुगबुगाहट के साथ मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी विरोध में उतर आई है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाकर प्रस्ताव के विरोध में सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम करने की घोषणा की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो.सर्वेश जैन ने बताया "पहले से ही प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स का वेतन, केंद्र सरकार के संस्थान के डॉक्टर्स के मुकाबले काफी कम है. उसमें भी नॉन प्रैक्टिस एलाउंस बंद कर प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाकर सरकार चिकित्सा शिक्षकों की आर्थिक आजादी खत्म करना चाहती है."

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