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MCD, NDMC ने बाजार संघों को भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीरों वाला झंडा हटाने का दिया निर्देश

flags post Ram temple consecration: एमसीडी और एनडीएमसी ने बाजार संघों को राम मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीरों वाले झंडों और बैनरों को हटाने का निर्देश दिया है.

हनुमान की तस्वीरों वाले झंडे हटाने का दिया निर्देश
हनुमान की तस्वीरों वाले झंडे हटाने का दिया निर्देश

By PTI

Published : Jan 24, 2024, 3:55 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और एनडीएमसी ने भगवान राम और हनुमान की तस्वीरों वाले झंडों और बैनरों को हटाने का निर्देश दिया है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था. इसको लेकर दिल्ली की सड़कों और बाजारों को सजाया गया था.

नगर निकाय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भगवान राम की तस्वीरों वाले झंडों, पोस्टरों और बैनरों पर नजर रखें. उन्हें सड़कों पर गिरने से बचाने के लिए सम्मानपूर्वक उतार दें. एमसीडी और एनडीएमसी ने अपने क्षेत्रों में बाजार संघों को सजावटी वस्तुओं को सम्मानपूर्वक हटाने और प्रोटोकॉल के अनुसार उनका निपटान करने का निर्देश दिया है. एनडीएमसी अधिकारी ने कहा, " बाजार संघों को निर्देश दिया गया है कि वे बाजार संघों द्वारा लगाए गए झंडों और वस्तुओं को सम्मानपूर्वक हटा लें."

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा कि राम लला का 'प्राण प्रतिष्ठा' उत्सव अब पूरा हो चुका है. अब, इन पवित्र झंडों को बचाने की जरूरत है, जो हवा के कारण गिर सकते हैं. अगर भविष्य में इन झंडों का इस्तेमाल किया जा सकता है तो इन्हें सुरक्षित रखें. अन्यथा पूजा सामग्री के रूप में इनका निस्तारण कर दें. CTI के अनुसार, राम लला 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के अवसर पर राजधानी के 700 बाजारों में 10 लाख झंडे लगाए गए थे.

खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने बताया कि सजावटी सामग्री कपड़े की थी, उन्हें हटा दिया गया है. उन्हें पारदर्शी बैग में संरक्षित किया है और स्टोर में रखा गया है. अब अगले साल 22 जनवरी आने पर उनका इस्तेमाल होगा. वहीं, फेडरेशन ऑन सदर बाजार ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव ने कहा कि वे गणतंत्र दिवस समारोह के बाद भगवान राम के नाम और छवि वाली वस्तुओं को इकट्ठा करने वाले सभी ध्वज पोस्टर हटा देंगे. उनकी योजना इन झंडों को मंदिरों और आश्रमों को दान करने की है. वहीं, क्षतिग्रस्त झंडों को मिट्टी में दबा दिया जाएगा.

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