नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंट्री गैंगस्टर स्क्वायड (AGS) टीम ने एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है जो कि हत्या के एक मामले में कोरोना काल के दौरान पैरोल पर रिहाई के बाद से फरार चल रहा था. इस वांटेड अपराधी ने पैरोल पर बाहर रहने के दौरान तेलंगाना में एक ज्वेलरी शॉप में बंदूक की नोक पर सोना लूट की वारदात को भी अंजाम दिया था और 4 किलो सोना लूटकर साथियों के साथ फरार हो गया था. इसकी तलाश दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और तेलंगाना पुलिस/क्राइम ब्रांच लगातार कर रही थी. क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े इस आरोपी की पहचान सुमित डागर के रूप में की गई है.
कोठापेट, चैतन्यपुरी (हैदराबाद) स्थित ज्वैलर्स शॉप पर 4 किलो का लूटा था सोना
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के मुताबिक आरोपी सुमित डागर ने अपने साथियों शुभम उर्फ मानिया, संदीप उर्फ मनीष के साथ मिलकर तेलंगाना के कोठापेट, चैतन्यपुरी (हैदराबाद) स्थित महादेव ज्वैलर्स पर 1 दिसंबर 2023 को धावा बोला और अंदर से शटर को बंद कर पूरी लूट की वारदात को अंजाम दिया. शॉप के भीतर मौजूद कर्मचारियों पर गोलियां चलाईं. इस दौरान एक ज्वैलर्स एस. कल्याण चौधरी के सीने में भी गोली लगी जबकि दूसरे ज्वैलर्स सुखदेव को बायें गाल, हाथ और पैर में भी गोली लगी थी. हथियारों के बल पर आरोपी ने सुखदेव से ज्वैलरी से भरे बैग जिसमें करीब 3 से 4 किलो सोना और नगदी भरी हुई थी, उसको लूट लिया और मौके से फरार हो गए थे.
तेलंगाना पुलिस ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से मांगी थी मदद
इस डकैती/लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से मदद मांगी. तेलंगाना पुलिस को पता चला कि इस पूरी रॉबरी को अंजाम देने का काम दिल्ली में रहने वाले अपराधियों ने दिया है. तेलंगाना क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपियों की तलाशी के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम के साथ करीब एक सप्ताह तक यहां राजधानी में डेरा भी डाले रखा था. लेकिन आरोपियों के जो पते दिल्ली एनसीआर को मिले थे, उनसे वह फरार पाए गए. दिल्ली पुलिस की एंटी गैंग स्क्वायड के लगातार प्रयासों के बाद क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एक आरोपी संदीप उर्फ मनीष को गिरफ्तार कर लिया और उसको तेलंगाना पुलिस को सौंप दिया गया. इस मामले में लूट की पूरी वारदात को अंजाम देने में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाने वाले सुमित डागर का पुलिस को पता नहीं चल पा रहा था. वह काफी समय पहले ही दिल्ली के ईशापुर गांव को छोड़ चुका था और लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था.