बाड़मेर. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस अपना कुनबा बढ़ाते हुए बागियों को मनाने और निष्कासित नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. इस कड़ी में बागी होकर विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले सुनील परिहार और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खान के 6 साल के निष्कासन को कांग्रेस पार्टी ने वापस ले लिया और उन्हें पार्टी में वापस शामिल कर लिया. इससे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह की नाराजगी सामने आई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए तंज कसा कि निष्कासन के बाद छः वर्ष की अवधि काफी जल्दी बीत गई.
2023 के विधानसभा चुनाव में पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर सिवाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज सुनील परिहार ने बागी होकर निर्दलीय मानवेंद्र सिंह के सामने चुनाव लड़ा. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते मानवेंद्र सिंह चुनाव हार गए और भाजपा के उम्मीदवार हमीर सिंह भायल ने जीत हासिल कर ली. पार्टी से बगावत करने वाले सुनील परिहार को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने सुनील परिहार का निष्कासन वापस लेते हुए पार्टी में शामिल कर दिया है. पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह कांग्रेस पार्टी के इस फैसले से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर बिना किसी का नाम लिए तंज कसा कि 'निष्कासन के बाद छः वर्ष की अवधि काफी जल्दी बीत गई!'
दरअसल, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी से बगावत करते हुए सिवाना से सुनील परिहार और शिव से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खान ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. हालांकि इन दोनों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने कुनबे को बढ़ाते हुए दो दिन पहले ही सुनील परिहार ओर फतेह खान का निष्कासन वापस लेते हुए इन्हें पार्टी परिवार में शामिल किया है.