जोधपुर. पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल 15 दिन के उपचार के बाद बुधवार को जोधपुर आ गए. इन 15 दिनों में उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा नुकसान पत्नी चित्रा सिंह को खोने के रूप में उठाया है. 30 जनवरी को दिल्ली से जयपुर के लिए जब निकले तो गलती से भी नहीं सोचा था कि यह दोनों का साथ में अंतिम सफर होगा. अलवर के पास गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो गई. चित्रा सिंह की दुखद मौत ने पूरे परिवार व समर्थकों को हिला दिया, लेकिन सबसे ज्यादा गहरी क्षति मानवेेंद्र सिंह को हुई. बुधवार दोपहर बाद जब वे जोधपुर पहुंचे तो सबसे पहले वे अपने फार्म हाउस गए, जहां पर चित्रा सिंह की चिता बनी थी.
वहां पहुंचे तो उनके चेहरे पर अनकहे कई शब्द थे. वे उस जगह को देखते रहे जहां अंत्येष्ठी हुई. शायद यह सोचते रहे कि ऐसा क्यों हुआ? हर कदम साथ चलने वाली का 30 साल का सफर क्यों थम गया? मन में ही यही सोचते रहे कि आखिरी समय में वे उनके पास नहीं थे. ईश्वर ने अंतिम संस्कार में भी शामिल होने का मौका नहीं दिया. अब यादों के सहारे ही चित्रा उनके दिल में अमर रहेंगी.
वैलेंटाइन डे पर पहली बार पोस्ट : मानवेंद्र सिंह जसोल ने वैलेंटाइन डे पर चित्रा सिंह के साथ अपनी एक मुस्कुराते हुए तस्वीर सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर कर अपना प्रेम दर्शाया. ऐसा उन्होंने पहली बार ही किया. इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच कितना प्रेम था, जिसके चलते उन्होंने ऐसा किया. यह अपनी पत्नी के प्रति भावनाएं थीं, जिनको उन्होंने व्यक्त किया. शायद साथ रहते तो सार्वजनिक रूप से ऐसा कभी नहीं कर पाते.