मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:छत्तीसगढ़ में 7 मई को 7 लोकसभा सीटों पर तीसरे और अंतिम चरण का मतदान है. ऐसे में एमसीबी के आदिवासी ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की बात कह रहे हैं. इन ग्रामीणों का आरोप है कि इनके गांव में सड़क, पानी और बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सालों से ये प्रशासन के सामने अपनी बात रख रहे हैं. हालांकि इनके क्षेत्र से विकास कोसों दूर है. यही कारण है कि ये ग्रामीण लोकतंत्र के महापर्व का बहिष्कार कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार:दरअसल, हम बात कर रहे हैं एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत घघरा के आश्रित ग्राम पोड़ी की. यहां के ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र सौंपते हुए कहा है कि, "गांव में मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण वे आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे." ग्रामीणों का कहना है कि, "गांव में वे पीने के साफ पानी तक के लिए मोहताज हैं. ग्रामीणों को नाला और ढोढ़ी का दूषित पानी पीकर गुजारा करना पड़ रहा है. इससे कई बार उल्टी दस्त जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है. गांव में इलाज की सुविधा नहीं है. बीमार पड़ने पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से ग्रामीणों को जंगली जड़ी बूटी का सहारा लेना पड़ता है. यदि गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो कई किमी तक खटिया पालकी में ढोकर अन्य ग्राम में जाकर इलाज कराना पड़ता है. गांव में स्वास्थ्य विभाग के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नजर नहीं आते हैं. ना ही महिला एवं बाल विकास की ओर से कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखा जाता है."